कन्नौज : टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीते एक माह से घर-घर टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के दूसरे चरण में 10 दिनों में 995 संदिग्ध लोगों का सैंपल जांच के लिए लिया गया, जिसमें टीबी के 58 नए मरीज मिले हैं. नए मिले मरीजों के इलाज की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस दौरान जिले भर में 125 टीमों को लगाया गया था. अभियान में करीब 3.80 लाख लोगों को कवर किया गया.
'असाध्य बीमारी नहीं है टीबी'
जिला क्षय रोग अधिकारी जेजे राम ने बताया कि जिले भर में 125 टीमों द्वारा घर-घर जाकर मरीजों की स्क्रीनिंग की गई. इस दौरान कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी एहतियात बरते गए. टीबी रोगी खोज अभियान के दूसरे चरण में 995 संदिग्ध लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिसमें 58 ऐसे व्यक्ति मिले, जिनके अंदर क्षय रोग की पुष्टि हुई है. उन्होंने बताया कि टीबी रोग असाध्य बीमारी नहीं है. जागरूकता के अभाव में लोग घबरा जाते हैं, जबकि टीबी का उपचार आसानी से संभव है. इलाज कराने से रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाता है.
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी को खांसी के साथ खून आता हो और शाम को बुखार चढ़ जाता हो, सीने में दर्द एवं भूख न लगती हो और वजन घटता हो तो टीबी का लक्षण हो सकता है. ऐसे में रोगी को टीबी की जांच करानी चाहिए. जांच की व्यवस्था सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है.
यह है टीबी के लक्षण
- भूख कम लगना
- वजन कम होना
- बुखार आना
- शाम को बुखार बढ़ जाना
- रात में पसीना आना
- छोटे बच्चे की ग्रोथ रुक जाना
- बच्चे का चिड़चिड़ा हो जाना
- दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आना
- खांसी में खून आना
- हड्डी की टीबी है तो उस हड्डी में या उसके पास दर्द होना
- गिल्टी की टीबी है तो वहां ग्लैंड का बढ़ जाना
इस तरह से करें टीबी से बचाव
- अपनी इम्युनिटी को बढ़िया रखें
- न्यूट्रिशन से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट (सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि) लेनी चाहिए
- कमजोर इम्युनिटी से टीबी के वैक्टीरिया के एक्टिव होने के चांस अधिक होते हैं.
- दरअसल, टीबी का बैक्टीरिया कई बार शरीर में होता है, लेकिन अच्छी इम्युनिटी से यह एक्टिव नहीं हो पाता और टीबी नहीं होती
- ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
- कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर न रहें और वहां जाने से परहेज करें
- टीबी के मरीज से थोड़ा दूर रहें, कम-से-कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखें
- मरीज को हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहना चाहिए
- मरीज स्प्लिट एसी से परहेज करें, क्योंकि तब बैक्टीरिया अंदर ही घूमता रहेगा और दूसरों को बीमार करेगा
- मरीज को मास्क पहनकर रखना चाहिए
- मरीज को यहां-वहां नहीं थूकना चाहिए