कन्नौजः लाॅकडाउन में शहरों से गांव की ओर पलायन कर चुके मजदूरों के सामने बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. ऐसे में शासन के निर्देशानुसार अपने गांव लौटे मजदूरों को गांव में ही काम देने के प्रयास में प्रशासन जुट गया है. जिसके चलते जिले में अब तक 5045 मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा चुका है. अन्य मजदूरों को भी चिन्हित कर रोजगार देने के प्रयास किए जा रहे हैं.
कन्नौजः 5045 प्रवासी मजदूरों को अपने गांव में मिला काम
यूपी के कन्नौज जिले में आए प्रवासी श्रमिकों को काम देने में प्रशासन जुट गया है. अब तक जिले में आए 5045 प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम दिया जा चुका है.
356 ग्राम पंचायतों में हुआ काम शुरू
डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले की 425 ग्राम पंचायतों के मजदूर लौट कर अपने-अपने घरों में आ चुके हैं. जिनमें से 356 ग्राम पंचायतों के 5045 मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है, जबकि 2045 मजदूरों के नए जाॅब कार्ड बनाने का काम अब तक किया गया है.
गांव में काम देने का प्रयास
डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने कहा कि शीघ्र ही जिले की सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत काम शुरू कराया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को उन्हीं के गांव में काम मिल सकेगा. डीएम ने बताया कि सरकार का प्रयास है कि जो भी प्रवासी मजदूर लाॅकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों से या गैर जनपदों से लौटकर अपने गांव आ गए हैं, उन्हें उन्हीं के गांव में रोजगार दे दिया जाए. जिससे उनके सामने रोजी-रोटी की मुसीबत न रहे.