जल संरक्षण सम्मेलन का हुआ आयोजन, 11 जिलों के कार्यकर्ताओं ने लिया हिस्सा - बुंदेलखंड में जल संकट
झांसी में शुक्रवार को जल संरक्षण और प्रबंधन कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ग्यारह जिलों से आए कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में बुंदेलखंड के जल संकट पर चर्चा हुई.
झांसी: जिले में शुक्रवार को राही वीरांगना सभागार में जल संरक्षण एवं प्रबंधन कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ग्यारह जिलों से आए कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में बुंदेलखंड के जल संकट पर चर्चा हुई. उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए झांसी के डीएम ने आंध्रा के माॅडल की खूबियों को बताया और इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जल संचयन प्रबन्धन के कार्य में आगे आने का आवाहन किया.
जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे परमार्थ समाज सेवी संस्थान के 25 वर्ष पूरे होने पर जल संरक्षण सम्मेलन का आयोजन किया गया. मध्य प्रदेश के आनन्द मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार सत्यप्रकाश आर्य ने कहा कि स्थाई विकास के लिए माॅडल निर्माण आवश्यक है, जो टिकाऊ एवं कम खर्चीली हो. विश्व बैंक के सलाहकार डॉक्टर योगेश बन्धु ने कहा कि बुंदेलखंड की जल सहेलियों के काम की चर्चा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. सरकार ने इस माॅडल को अपनाया है.
परमार्थ के प्रमुख और सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ. संजय सिंह ने कहा कि परमार्थ ने 25 वर्षो की यात्रा में चंदेलकालीन तालाबों के पुर्नजीवन, बोरवेल्स रिचार्ज, सामुदायिक पोषण वाटिका एवं नदी पुर्नजीवन के कार्य के माॅडल प्रस्तुत किए हैं. कार्यक्रम में संस्था के निदेशक अनिल सिंह, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉक्टर नईम सहित भूपेंद्र गुप्ता, मानवेन्द्र सिंह, शिवानी सिंह, संतोष कुमार, सतीश चन्द्र, सिद्धगोपाल सिंह, शिवमंगल सिंह, अमरदीप असाटी, महताब, डॉक्टर तरसेन सिंह, अरविन्द्र तिवारी, गजानन डोंग, सत्यम और अन्य उपस्थित रहे.