झांसी: विधानसभा चुनाव 2022 बेहद करीब है. विधायक अपने कामकाज का ब्यौरा बताने के साथ ही सामाजिक समीकरणों को भी साधने में जुटे हैं. मौजूदा विधायकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती टिकट बचा ले जाने की है. झांसी सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर रवि शर्मा साल 2012 और साल 2017 में चुनाव में जीत कर फिलहाल इस सीट पर काबिज हैं. उनकी विधायकी के पहले कार्यकाल में प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो दूसरे कार्यकाल में उनकी अपनी पार्टी भाजपा की सरकार बनी. रवि शर्मा किन मुद्दों के आधार पर चुनाव के मैदान में होंगे और मौजूदा समस्याओं को लेकर वे क्या सोंचते हैं, इन सब विषयों पर ईटीवी भारत ने विधायक से बातचीत कर उनकी राय जानी. उन जवाबों से हम आपको रूबरू करा रहे हैं.
सवाल: आपके कार्यकाल के प्रमुख काम कौन से रहे हैं?
जवाब: झांसी का सम्पूर्ण विकास कैसे हो, इसकी कार्ययोजना पहले दिन से ही मेरे मन में थी. पिछली बार मैं विधायक चुनकर विधानसभा गया तो राज्य में सरकार समाजवादी पार्टी की बनी थी, लेकिन मैं उस सदन का सदस्य था. मैंने 237 करोड़ रुपये की बिजली योजना के माध्यम से झांसी के जर्जर तारों को बदलने का काम, नए सब स्टेशन बनाकर झांसी की बिजली व्यवस्था को सुदृढ करने का काम का कराया. झांसी का एक बहुत ही विवादित विषय था मढिया महादेव मंदिर का. उस विषय पर बार-बार विधानसभा में चर्चा कराकर झांसी के जनमानस से जुड़े हुए उस विषय को समाप्त करवाने का काम किया. झांसी का ऐतिहासिक और प्राचीन लक्ष्मीतालाब जलकुंभी से पट गया था. उसकी जीर्ण-शीर्ण दशा हो गई थी और वह झांसी के पुरातन महत्व का स्थान था. उस पर भी पिछली सरकार में कार्ययोजना बनवाकर 54 करोड़ रुपए से उसके सुंदरीकरण का काम शुरू कराया. पिछली सरकार में जब स्मार्ट सिटी की व्यवस्था भारत सरकार ने दी तो हमने दिन रात मेहनत की जिससे झांसी को स्मार्ट सिटी के लिए जन समर्थन प्राप्त हो. इससे झांसी का चयन भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी में किया. झांसी में सड़कों की दशा हो, पार्कों की व्यवस्था हो, इन दस सालों में झांसी बदली है. जब 2017 में मैं विधायक बनकर फिर से सदन में गया तो झांसी की प्राथमिकता थी पेयजल. इस संकट को दूर करने के लिए 900 करोड़ की अमृत पेयजल योजना लागू हुई.
सवाल: ऐतिहासिक स्थल होने के बावजूद इस स्थान को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने में अपेक्षित सफलता क्यों नहीं मिल सकी?
जवाब:हमें यह बात अखरती है कि हम बुन्देलखण्ड को पर्यटन के मानचित्र पर उस जगह पर नहीं पहुंचा पाए, जहां होना चाहिए था. झांसी में रानी के समय के बहुत सारे ऐतिहासिक प्रतीक हैं. मैंने इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की है. अभी वह लागू नहीं हो पाई है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह राम गमन पथ बनाने का निर्णय लिया है, उसमें झांसी कहीं न कहीं जुड़ जाएगी. इस क्षेत्र में बड़े पर्यटन उद्योग की संभावना है. यहां ऑर्गेनिक खेती की बड़ी संभावना है. यह सब बातें सरकार के ध्यान में हैं. समय-समय पर विधानसभा के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षण भी करता रहता हूँ. आने वाले समय में झांसी में और आसपास देश-दुनिया से आकर घूमने वाले लोग दिखाई देंगे.
सवाल: कई क्षेत्रों में पेयजल संकट अभी भी बरकरार है. इसके क्या कारण हैं?
जवाब:इस समय 900 करोड़ रुपये की पेयजल योजना पर काम चल रहा है. माताटीला बांध से पानी की आपूर्ति होनी है. इतना बड़ा काम होने में समय लगेगा. फंड की व्यवस्थाएं कई पार्ट में होती हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि आने वाले डेढ़ वर्षों में हम इस योजना को धरातल पर उतारकर लोगों के घरों तक पीने का पानी नलों से पहुंचा पाएंगे.
सवाल: इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए क्या प्रयास होने चाहिए?
जवाब: बुन्देलखण्ड में सबसे अधिक संभावना झांसी के पास है. भारत सरकार ने यहां कोच फैक्ट्री के माध्यम से रोजगार सृजन का काम किया. झांसी रेलवे और बीएचईएल का बड़ा केंद्र है और प्रधानमंत्री ने डिफेंस कॉरिडोर में झांसी को भी शामिल किया है.
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सवाल: साल 2017 के चुनाव अभियान में उमा भारती ने ऐलान किया था कि आपके विधायक बनने पर वह आपको मंत्री बनवाने का काम करेंगी, लेकिन वह वादा अधूरा क्यों रह गया ?
जवाब:मंत्री कौन बनेगा और कौन रहेगा, यह हमारे मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. जो योग्य लोग थे, वे वास्तविकता में मंत्री हैं. आज भाजपा की सरकार में योग्य लोगों की कमी नहीं है. हमारे सारे मंत्री योग्य हैं. खास बात यह है कि इन साढ़े चार सालों में किसी भी मंत्री पर कोई दाग नहीं है. हमें सभी मंत्रियों का सदैव सहयोग मिलता है.