झांसीः सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के प्रयासों में झांसी मण्डल रेलवे ने एक साल में बारह लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन कर लगभग 37 लाख रुपये बचाने में सफलता हासिल की है. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में यह उत्पादन काफी अधिक है. अब रेलवे ने इस प्रयोग की सफलता के बाद वर्तमान वित्तीय वर्ष में कई नए तरह के प्रयोग भी सोलर एनर्जी को लेकर शुरू किए हैं. रेलवे की इस परियोजना में दिलचस्पी इसलिए भी अधिक है, क्योंकि अधिकांश संयंत्र पीपीपी मॉडल पर लगे हैं, जिनमें रेलवे को किसी भी तरह का खर्च नहीं उठाना पड़ा है.
सभी प्रमुख स्टेशनों पर प्लांट स्थापित
रेलवे अफसरों के मुताबिक झांसी मण्डल में वर्तमान में 1.205 मेगा वाट का सौर ऊर्जा संयंत्र पीपीपी मॉडल पर स्थापित किया गया है. इसकी स्थापना से लेकर रखरखाव तक में रेलवे की ओर से कोई धनराशि खर्च नहीं हो रही है. झांसी स्थित डीआरएम कार्यालय में अलग-अलग स्थानों पर लगे सोलर पैनलों की क्षमता 220 किलोवाट है. मंडलीय रेलवे चिकित्सालय में 55.44 किलो वाट का और इलेक्ट्रिक लोको शेड में 55.50 किलोवाट का सोलर पैनल स्थापित किया गया है. इसके अलावा ग्वालियर स्टेशन पर 35.2 किलोवाट, डबरा स्टेशन पर 24.96 किलोवाट, मुरैना स्टेशन पर 19.86 किलोवाट, दतिया स्टेशन पर 10.08 किलोवाट, टीकमगढ़ स्टेशन पर 24.96 किलोवाट, खजुराहो स्टेशन पर 43.9 किलोवाट, छतरपुर स्टेशन पर 49.92 किलोवाट, सरकनपुर स्टेशन पर 24.96 किलोवाट और बिरलानगर स्टेशन पर 35.2 किलोवाट के पैनल लगाए गए हैं.
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