झांसीःमुकदमे की विवेचनाओं में अक्सर दारोगाओं पर विवेचना के लिए रुपये लेने के आरोप प्रत्यारोप लगते रहते हैं, लेकिन कोई साक्ष्य न मिलने पर इन आरोपों को खारिज कर दिया जाता है. ऐसा ही मंगलवार एक मामला झांसी से सामने आया. यहां एक गबन के आरोप के मुकदमे की विवेचना कर रहे हल्का इंचार्ज ने मुकदमा वादी से तीस हजार की मांग की. आज वह दारोगा पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हो गया.
झांसी के गरौठा ग्राम रामोरा निवासी छोटे निषाद ने बताया कि उन्होंने मोती कटरा के पूर्व प्रधान, सेक्रेट्री सहित पांच लोगों के खिलाफ 2012 में एक करोड़ रुपये के गबन का मुकदमा दर्ज कराया था. लगातार काफी समय तक विवेचना चलने के बाद जिसमें पूर्व थानाध्यक्ष उदयभान गौतम ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर न्यायालय ने दाखिल कर दी थी.
उन्होंने न्यायालय में प्रोटेस्ट दाखिल किया और न्यायालय द्वारा रिपोर्ट को निरस्त कर दिया गया. विवेचना दोबारा किए जाने के लिए गरौठा थाने को आदेशित किया, जिसकी विवेचना दारोगा बृजेश सिंह द्वारा की जा रही थी. आरोप था कि छोटे निषाद से दारोगा बृजेश सिंह आरोपी पूर्व प्रधान महिपत की गिरफ्तारी के लिए तीस हजार रुपये मांग कर रहा था. इसकी शिकायत छोटे निषाद ने एंटी करप्शन टीम से की थी. कानपुर मुख्यालय के निर्देशन पर गठित की गई एंटी करप्शन टीम के निर्देश पर आज छोटे निषाद दारोगा बृजेश सिंह को पांच हजार की रिश्वत देने पहुंचा.
दारोगा ने छोटे को थाने के बाहर बुलाया जैसे ही रिश्वत के पांच हजार रुपये लिए, तभी एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया. एंटी करप्शन टीम द्वारा घूस लेते पकड़े गए बृजेश सिंह से अभी और भी पूछताछ की जा रही है और उनके बैंक अकाउंट को भी देखा जा रहा है. घूस लेते पकड़े उपनिरीक्षक पर इससे पहले भी कई बार पैसे लिए जाने के आरोप लगते रहे है, लेकिन आज दारोगा एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ गए.
आपको बता दें कि सोमवार को देर रात तक झांसी एसएसपी राजेश एस द्वारा पूरे जिले के पुलिस अधिकारियों और थानेदारों के साथ मीटिंग की थी. दिशा निर्देश भी दिए थे की किस तरह झांसी पुलिस की बिगड़ती छवि को सुधारा जा सके. झांसी पुलिस के मुखिया द्वारा अपने विभाग को आमजन में छवि सुधारने के दिए निर्देश को दारोगा ने मंगलवार सुबह यानी 12 घंटे में ही हवा में उड़ाते हुए घूस लेने पहुंच गए और रंगे हाथों धरे गए.
पिछले दिनों झांसी के उल्दन थाने में चोरी के आरोप में पूछताछ के लिए बुलाए गए युवक पुष्पेंद्र अहिरवार ने अपने गर्दन को चाकू से काट लिया था, जिसको लेकर हड़कंप मच गया था. जिसको लेकर कई सवाल उठ रहे थे. यह मामला संज्ञान में आते ही अपर पुलिस महानिदेशक आलोक सिंह ने जांच के आदेश कर दिए थे. जांच पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को सौंपी गई थी. थाने में घटित घटना क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस द्वारा कार्रवाई करते हुए उल्दन थाना अध्यक्ष अजमेर सिंह भदोरिया समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.
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