झांसी: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी इकाई ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी. बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में वक्ताओं ने राष्ट्रकवि के जीवन और रचनाकर्म पर अपने विचार रखे.
वक्ताओं ने जीवन पर डाला प्रकाश
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण को पुण्यतिथि पर एबीवीपी ने दी श्रद्धांजलि
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की 56वीं पुण्यतिथि पर याद किया. इस दौरान छायाचित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी. मैथिलीशरण का जन्म झांसी के चिरगांव कस्बे में हुआ था. गुप्त कालजयी राष्ट्रकवि थे.
एबीवीपी के विभाग प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त भारत की सांस्कृतिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक धरोहर है. उनके द्वारा लिखित हर एक शब्द भारतभूमि को समर्पित है. वास्तविक भारत को जानने के लिए हमें उनकी कविताओं और साहित्य का अध्ययन करने की जरूरत है. हिंदी साहित्य के प्रखर स्तंभ, धैर्यशील, संवेदनशील व अखंड सजृन शक्ति के धनी व्यक्ति थे.
झांसी के चिरगांव कस्बे में हुआ था जन्म
एबीवीपी के प्रान्त कार्यकारणी सदस्य ने कहा कि झांसी के चिरगांव कस्बे में जन्मे राष्ट्रकवि ने अपनी रचनाओं से राष्ट्रकवि की ख्याति अर्जित की. इस अवसर पर महानगर संगठन मंत्री अमन विश्वकर्मा, राष्ट्रीय कला मंच के प्रांत प्रमुख पंकज शर्मा, महानगर सहमंत्री आयुष उपाध्याय, जिला संयोजक अर्चित सोनी सहित एबीवीपी के अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे.