जौनपुर:कोरोना को देखते हुए पहले लॉकडाउन के दौरान ट्रेन और बसों के संचालन पर पूरी तरह से रोक थी, लेकिन जैसे ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तो रोडवेज बसों का परिचालन शुरू कर दिया गया. वहीं यात्रियों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए सुरक्षा के कुछ मानक भी बनाए गए हैं. इन मानकों का रोडवेज की बसों में पालन तो हो रहा है, लेकिन निजी बसों में इसका पालन बिल्कुल भी नहीं हो रहा है. वहीं ट्रैफिक विभाग के अधिकारी निजी बसों में मानकों के साथ खिलवाड़ होने पर आंख बंद किए हुए हैं.
जौनपुर: कोरोना से सुरक्षा के मानकों का निजी बसों में हो रहा उल्लंघन - violation of safety standards
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में कोरोना वायरस को लेकर परिवहन विभाग ने आंख बंद कर रखी है. यहां जिले में कई सारी निजी बसों का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है. इन बसों में कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए मानकों की साफ तौर पर अनदेखी की जा रही है.
कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए बाजारों से लेकर परिवहन विभाग ने सुरक्षा के कुछ मानक तय किए हैं. इन मानकों का पालन करना सबके लिए जरूरी है. रोडवेज बसों में सवारियों की संख्या आधी कर दी गई है, जबकि बिना मास्क लगाए और सैनिटाइजर के साथ यात्रा करने पर भी रोक लगाई गई है. लेकिन निजी बसों में इन मांगों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है.
जनपद में जौनपुर से शाहगंज और मड़ियाहूं के रास्तों पर निजी बसों का संचालन बड़े पैमाने पर होता है. इसमें रोज हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. इन यात्रियों के लिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए किसी भी सुरक्षा मानक का पालन नहीं किया जा रहा है. इन बसों में सवारियों को कस के भरा जाता है और इन पर निगरानी रखने का काम करने वाले ट्रैफिक विभाग भी गायब रहता है. वहीं सुरक्षा के मानकों से चूक होने पर खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ेगा. कोरोना के संक्रमण से बचाव की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन की ही है.