हाथरस: जिले के किसानों ने भी ट्रैक्टर रैली निकलकर 26 जनवरी का रिहर्सल किया. किसानों ने तमाम ट्रैक्टर लेकर कलेक्टर के लिए कूच किया, लेकिन उन्हें वहां पहुंचने से पहले ही कुछ दूरी पहले रोक लिया गया. बाद में अधिकारियों से बातचीत के बाद किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट ले जाया गया. जहां उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. किसान नेताओं का कहना था कि सरकार हिंदुस्तान को पूंजीपतियों के हाथ में सौंपना चाहती है.
हाथरस में बीच में रोकी गई किसानों की ट्रैक्टर रैली, प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
यूपी के हाथरस में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली. इस दौरान उन्हें बीच में रोक दिया गया. बाद में एडीएम और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के समझाने पर बुझाने पर वह इस बात पर राजी हुए कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन देगा.
किसान तीन कृषि कानून को वापस लिए जाने के अलावा अन्य समस्याओं को लेकर ट्रैक्टरों में कलेक्ट्रेट जाने के लिए निकले थे, लेकिन उन्हें कलेक्ट्रेट पहुंचने से पहले ही रोक लिया गया. बाद में एडीएम और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के समझाने पर बुझाने पर वह इस बात पर राजी हुए कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन देगा. जिला अध्यक्ष मलखान सिंह की अगुवाई में किसान जिला अधिकारी के चेंबर में पहुंचे और वहां उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा.
किसान संगठन के जिला अध्यक्ष मलखान सिंह ने बताया कि सरकार के जो तीन कृषि कानून हैं और एमएसपी पर कानून नहीं बनाने पर यह पूरा जन आंदोलन है. यह मुट्ठी भर किसानों का आंदोलन नहीं है बल्कि भारतवर्ष के किसानों का आंदोलन है. उन्होंने बताया कि वह तो 26 तारीख का रिहर्सल कर रहे हैं. यह कोई पहला और आखिरी ट्रैक्टर परेड नहीं है. उन्होंने बताया कि उनके साथ फौजी भी है वह 'जय जवान, जय किसान' के नारे की तर्ज पर एक साथ चलाएंगे. किसान नेता ने कहा कि सरकार को वोट चाहिए, पैसा चाहिए और पैसा किसान नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि पैसा सरकार को कंपनी होल्डर ही देते हैं, इसलिए सरकार हिंदुस्तान को पूंजीपतियों के दायरे में लाना चाहती है और ऐसा किसान कभी भी नहीं होने देंगे.