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कुपोषितों के पेट की आग कैसे बुझेगी साहब, जब कूड़े के ढेर में जल रहा 'पुष्टाहार' - कूड़े के ढेर में जल रहा पुष्टाहार

दाल के पैकेट पर वितरण का माह जून अंकित है, लेकिन दाल का वितरण नहीं किया गया. हैरानी की बात तो यह है कि एक महीने में ही दाल खराब हो गई. शंका यह भी जाहिर की जा रही है कि या तो शासन पुष्टाहार के रूप में बंटने वाला सामान खराब भेज रहा है या फिर दाल में कुछ 'काला' है.

कूड़े के ढेर में जल रहा पुष्टाहार
कूड़े के ढेर में जल रहा पुष्टाहार

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Published : Jul 28, 2021, 4:31 PM IST

हाथरस: यूपी के हाथरस जिले में सासनी ब्लॉक के बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में कूड़े के ढेर के साथ कुपोषितों को वितरित होने वाला पुष्टाहार जला दिया गया. कार्यालय पहुंचे जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि वह इस मामले की जांच करेंगे. दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं कार्यालय में तैनात सुपरवाइजर का कहना है कि दाल खराब हो गई थी.

हाथरस में कूड़े के ढेर में जल रहा पुष्टाहार.

बता दें कि बाल विकास परियोजना कार्यालय में 07 से 06 साल तक के कुपोषित-अतिकुपोषित बच्चों, किशोरियों, बालिकाओं, गर्भवती और धात्री महिलाओं आदि को वितरित होने के लिए पुष्टाहार हर महीने आता है. यह पुष्टाहार संबंधितों को बांटा जाता है, लेकिन जिले के सासनी ब्लॉक के बाल विकास परियोजना कार्यालय में भारी मात्रा में आई चना दाल कूड़े के ढेर में जला दी गई.

मंगलवार को जब भ्रमण के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह इस कार्यालय में पहुंचे तो उन्होंने कूड़े के ढेर में जलते हुए पुष्टाहार को देखा. यह देखकर वह हैरान रह गए और उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया. उन्होंने वहां मौजूद सभी कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई. जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि यहां आने पर उन्होंने देखा कि चना दाल कूड़े के ढेर में जला दी गई है. उन्होंने बताया कि वह इसकी जांच करेंगे. यदि इसमें कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

कार्यालय में तैनात सुपरवाइजर पुष्पलता शर्मा ने बताया कि काफी दिन हो जाने के बाद भी स्वयं सहायता समूहों ने यह दाल नहीं उठाई थी. बारिश का पानी पड़ने से यह खराब हो गई. वहीं जब उनसे पूछा गया कि एक महीने में दाल कैसे खराब हो गई तो वह तिलमिला गईं और कहा कि दाल क्यों खराब नहीं हो सकती है. बारिश का पानी पड़ने से दाल फूल गई थी और उसमें कीड़े पड़ गए थे. वहीं जब उनसे पूछा गया कि कितनी मात्रा में दाल जलाई गई है तो वह दाल की मात्रा नहीं बता पाईं.

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