हाथरस:शासन स्तर से राशन डीलरों के चयन की प्रक्रिया में आरक्षण का निर्धारण तय किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. जिले में अब राशन डीलर के चयन की प्रक्रिया के लिए ग्राम प्रधानों के वर्ष 2015 के रोस्टर के अनुसार आरक्षण का निर्धारण किया जाना तय हुआ है. इसके लिए जिला तहसील और ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
सामान्य वर्ग के राशन डीलरों को मिलेगा दस फीसदी आरक्षण. इसे भी पढ़ें:- हाथरसः जमीनी विवाद में चली गोली, एक युवक घायल
शासन डीलरों को मिलेगा आरक्षण
बता दें की शासन स्तर से सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 प्रतिशत के आरक्षण देने की जो बात तय की गई थी. वह अब उत्तर प्रदेश में राशन डीलरों पर लागू की जाएगी. इस क्रम में जिला प्रशासन की ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वर्ष 2015 के ग्राम प्रधान के रोस्टर के अनुसार उस ग्राम पंचायत की दुकान को एससी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के आधार पर निर्धारित किया जाएगा.
एक ग्राम पंचायत में एक से अधिक राशन की दुकानें होने की स्थिति में लकी ड्रॉ का सिस्टम इस्तेमाल किया जाएगा. लकी ड्रॉ तहसील स्तरीय चयन समिति की देखरेख में होगा. इस समिति में एसडीएम अध्यक्ष होंगे और सचिव, बीडीओ और अन्य सदस्य नामित होंगे. नगरीय क्षेत्र की दुकानों में आरक्षण का निर्धारण जिला स्तरीय कमेटी लकी ड्रॉ के माध्यम से होगा.
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ब्लॉक इकाई और शहरी क्षेत्र के लिए नगर निकाय इकाई रहेगी. इस बार सामान्य वर्ग में शुरू किए गए आरक्षण को दुकान निर्धारण में स्थान दिया जा रहा है. सामान्य वर्ग के आरक्षण के लिए 10 फीसदी निर्धारित किया गया है.
दस फीसदी आरक्षण मिलना है निर्धारित
जिला पूर्ति अधिकारी सुरेंद्र यादव का कहना है कि शासन द्वारा यह निर्धारित किया गया है कि राशन की उचित दर विक्रेता की दुकानों पर आरक्षण पुनः निर्धारण किया जाए. इसमें महत्वपूर्ण बदलाव यह हुआ है कि जो अब तक सामान्य वर्ग के लोगों को लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की बात थी वह हमारे यहां राशन डीलरों पर लागू किया गया है. इसके आधार पर पुनः दुकानों के आरक्षण का निर्धारण किया जा रहा है.
इसके लिए दो पैरामीटर हैं. पहला पैरामीटर है कि जो 2015 के ग्राम प्रधान के रोस्टर के हिसाब से आरक्षण होगा वह तय किया जाएगा और शेष दुकानों में लॉटरी पद्धति से आरक्षण निर्धारित किया जाएगा. इसके लिए एक मास्टर रजिस्टर ब्लॉक स्तर पर तैयार किया जाएगा जिसमें भविष्य में जो दुकान निरस्त होगी वह इसी आरक्षण से भरी जाएंगी और उसी के हिसाब से आगे दुकानें निर्धारित की जाएंगी.
दूसरा बदलाव यह हुआ है कि जो 10 परसेंट जो आर्थिक सामान्य वर्ग के जो गरीब लोग हैं उन्हें आरक्षण देने की बात वह इस बार शासन द्वारा राशन डीलरों पर व्यवस्था लागू की गई है.