हाथरस:सनातन परंपरा में ज्योतिष का अपना महत्व है. इसलिए त्योहारों पर पूजा पाठ से पहले मुहूर्त देखते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में ही पूजा पाठ से लेकर किसी भी शुभ कार्य को शुरू करते हैं, ताकि उसका सुफल प्राप्त हो. वहीं, घरों में संतान रत्न की प्राप्ति के बाद उसके भविष्य के कार्यफल की जानकारी को जन्म पत्री (जन्म कुंडली) बनवाई जाती है. साथ यही यह भी कहा जाता है कि ज्योतिष शास्त्र में हर समस्या का समाधान है और जैसे ही समस्या के समाधान की बात सामने आती है तो चुनावी मौसम में नेताओं से अधिक शायद ही कोई परेशान हो.
यही कारण है कि अब प्रत्याशी भविष्य की सियासी राह को सरल बनाने को ज्योतिषाचार्यों व बाबाओं के शरण में हैं. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने हाथरस के एक ज्योतिषाचार्य से सूबे व जिले की सियासी समीकरण व प्रभावी ग्रह-गोचर के असर पर खास बातचीत की.
वहीं, ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री की मानें तो वर्तमान में सूबे की सत्ताधारी पार्टी भाजपा की राह आसान नहीं दिख रही है और मार्ग में कई अड़चने हैं. उन्होंने कहा कि ग्रह-गोचर का पार्टी और चुनाव पर पूरा असर पड़ता है. चुनाव में प्रत्याशी की हार-जीत के मध्य ग्रहों का बेजोड़ खेल होता है. जिसे सही समय पर ठीक करने के उपाय कर लिए गए तो फिर हार भी जीत में तब्दील हो सकती है.
फिलहाल 'गर्दिश में हैं भाजपा के सितारे'
ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री की मानें तो 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं दिख रही है. यानी वर्तमान में पार्टी की स्थिति चिंतनीय बनी हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा के सितारों की चाल की रफ्तार धीमी होने के कारण उसे कई मोर्चे पर दिक्कतें पेश आ रही है. हालांकि, ज्योतिषाचार्य ने यह भी कहा कि आगामी 20 नवंबर को बृहस्पति राशि परिवर्तन करने जा रहा है. ऐसे में भाजपा की स्थिति में सुधार की प्रबल संभावनाएं बनी हुई है.
ऐसे पुनः स्थापित होगी भाजपा स्थिति
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव में ग्रह-गोचरों का पूर्ण असर होता है. व्यक्तिगत असर उन पर होता है, जो स्वयं राज करते हैं. लेकिन पार्टी की बात करें तो उस पर पूर्ण असर होता है. ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो उसकी राशि धनु है. इस समय धनु का स्वामी नीच मकर राशि में चल रहा है. जब कुंभ राशि में प्रवेश करेगा तो फिर से भाजपा की स्थिति ठीक हो जाएगी.
सपा से तय है मुकाबला