हरदोई:आज देशभर में दशहरे का त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है. वहीं हरदोई की रामलीला में कौमी एकता की मिसाल देखने को मिल रही है. यहां के मुस्लिम कारीगर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बना रहे हैं. ये पिछले 25 वर्षों से लगातार पुतले बनाते चले आ रहे हैं.
मुस्लिम समाज के लोग बना रहे रावण का पुतला. पिछले 25 वर्षों से बना रहे पुतले
हरदोई जिले में शहर के नुमाइश मैदान में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरा त्योहार के मौके पर प्रशासन द्वारा रामलीला मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस मेले में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले मुस्लिम समाज के लोग बना रहे हैं. इन पुतलों को बनाने वाले लोग जिले के ही कस्बा बिलग्राम और सांडी के रहने वाले हैं. यूनुस के नेतृत्व में मेराज गुफरान,लल्लू, इमरान और वसीम पिछले 25 वर्षों से लगातार दशहरे के अवसर पर हरदोई ही नहीं आसपास के जनपदों में भी पुतले बनाने का काम करते हैं.
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जानिए यूनुस ने क्या बताया
यूनुस बताते हैं कि वे लोग हरदोई ही नहीं आस-पास के जनपदों में भी दशहरा के मौके पर पुतले बनाने का काम करते हैं. हालांकि ये लोग मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन इन पुतलों को वह लोग बनाते हैं, इससे उन्हें खुशी भी मिलती है. ऐसे में हिंदुओं के त्योहार दशहरे के मौके पर मुस्लिम समाज के लोगों का बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना सांप्रदायिक सौहार्द की एक अनूठी मिसाल है, जिसे यूनुस और उनके सहयोगी लगातार अंजाम दे रहे हैं. दशहरा मेले में 40 फीट ऊंचा रावण का पुतला और मेघनाद और कुंभकर्ण का 25 फीट ऊंचा पुतला बनाया गया है. रावण दहन के मौके पर भगवान राम के द्वारा इन सभी को जलाया जाएगा और लोग बुराई पर अच्छाई के प्रतीक विजयदशमी के त्योहार पर इसके साक्षी बनेंगे.
हरदोई में रामलीला के मौके पर मुस्लिम समाज के लोग रावण कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला बनाते हैं. हिंदुओं के इस त्योहार के मौके पर मुस्लिम समाज के लोग पुतले ही नहीं बनाते बल्कि रावण दहन के मौके पर भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. यह कौमी एकता की एक मिसाल है जिसे प्रचारित करने की जरूरत है.
-गजेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट