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शिवराज के जीत का मंत्र देते ही आपस में भिड़ते नजर आये भाजपा कार्यकर्ता, जानें वजह

चार चीजें खास तौर पर ध्यान में रखनी हैं. पहली पांव में चक्कर, दूसरा मुंह में शक्कर, तीसरा सीने में आग और चौथा माथे पर बर्फ. इन सभी का अर्थ समझाते हुए उनके दूसरे मंत्र मुंह में शक्कर का अर्थ था कि सभी से प्रेम से बात करो.

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Published : Feb 5, 2019, 9:02 AM IST

आपस में भिड़े भाजपा कार्यकर्ता.

चार चीजें खास तौर पर ध्यान में रखनी हैं, पहली पांव में चक्कर, दूसरा मुह में शक्कर, तीसरा सीने में आग और चौथा माथे पर बर्फ. इन सभी का अर्थ समझाते हुए उनके दूसरे मन्त्र मुंह में शक्कर का अर्थ था कि सभी से प्रेम से बात करो.

भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते शिवराज सिंह चौहान

हरदोई : बीजेपी की सेक्टर संयोजन की बैठक के अंत में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज चौहान के द्वारा दिए गए जीत के मंत्र की तौहीन करते नजर आये भाजपा से हरदोई के जिलाध्यक्ष. आयोजन का समापन ही जिस मंत्र को देकर शिवराज ने किया उसी मंत्र की अवहेलना शिवराज के सामने भाजपा के जिलाध्यक्ष ने एक कार्यकर्ता को अपमानित करके की. ऐसे में साफ जाहिर है कि आज के इस सम्मेलन में शिवराज के दिए गए उपदेशों को शायद हरदोई के भाजपा नेताओं ने जरूरी नहीं समझा.

भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते शिवराज सिंह चौहान

पांच लोकसभा क्षेत्र की सेक्टर संयोजन की बैठक का अंत पूर्व सीएम और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने जीत के एक मंत्र के साथ किया. उन्होंने कहा कि चुनाव को जीतने के लिए सभी सेक्टर प्रभारियों को कार्यकर्ताओं को बांधने की जरूरत है जिससे कि सभी कार्यकर्ता पार्टी के साथ बंध कर चलें. उन्होंने कहा कि चार चीजें खास तौर पर ध्यान में रखनी हैं, पहली पांव में चक्कर, दूसरा मुंह में शक्कर, तीसरा सीने में आग और चौथा माथे पर बर्फ. इन सभी का अर्थ समझाते हुए उनके दूसरे मंत्र मुंह में शक्कर का अर्थ था कि सभी से प्रेम से बात करो.

उन्होंने कहा कि अगर कार्यकर्ताओं से काम लेना है तो उनको प्यार से समझा बुझा कर और उन्हें अपना बना कर काम लो तभी सफलता हासिल होगी. वहीं आयोजन के अंत में जब शिवराज भोजन करने गए तो कुछ कार्यकर्ताओं ने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की, जिस पर हरदोई में भाजपा के जिलाध्यक्ष ने एक कार्यकर्ता को बुरी तरह शिवराज की खाने की मेज के पास से घसीट कर पंडाल से बाहर करवा दिया. इस पर सभी अध्यक्ष जी अध्यक्ष जी कहते रह गए, लेकिन युवा अध्यक्ष ने किसी की न सुनी और शिवराज द्वारा कुछ ही मिनट पहले दिए गए मंत्र की भी अवहेलना कर डाली.

ऐसे में सभी कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो गया. कार्यकर्ताओं ने भाजपा जिलाध्यक्ष की इस हरकत की निंदा की. जैसे -तैसे सभी को समझा-बुझा कर पंडाल से निकला गया. घटना को देख कर सवाल ये उठता है कि कुछ मिनट पहले ही दिए गए संदेश की जब एक वरिष्ठ नेता का ही अपमान भाजपा के जिम्मेदार कर रहे हैं तो भविष्य में अनुपालन कैसे किया जाएगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

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