हापुड़: देश को आजाद कराने के लिए हंसते- हंसते फांसी को गले लगाने वाले शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को हजारों युवाओं ने श्रद्धांजलि दी. इसके चलते जिले में शहीद दिवस पर देश के इन वीर सपूतों की याद में हजारों लोगों ने हाथ में तिरंगा लेकर शहर में पैदल मार्च निकाला. इसके साथ ही दिल्ली रोड डिस्ट्रिक्ट रामलीला मैदान के बाहर शहीद स्तंभ पर दीप जलाकर शहीदों को नमन किया.
शहीद दिवस पर हापुड़ में पैदल मार्च शहीद दिवस के अवसर पर देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को हजारों युवाओं ने नम आंखों से याद किया.
क्यों मनाते हैं शहीद दिवस :
लाहौर में वर्ष 1928 को क्रांतिकारियों ने जूनियर अफसर जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिससे पूरी ब्रिटिश हुकूमत हिल गई. जिसके बाद बौखलाई ब्रिटिश हुकूमत ने भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु जॉन सॉन्डर्स की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. उन्हें हत्या का दोषी मानते हुए 24 मार्च को फांसी देने की सजा सुना दी.
इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत ने चुपचाप अपने नापाक इरादों के चलते तीनों क्रांतिकारियों को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के अंदर फांसी दे दी. जिससे इन नौजवान क्रांतिकारियों की अंग्रेजी हुकूमत द्वारा एक दिन पहले फांसी देने की खबर पूरे देशे में फेल गई.
इसके बाद हर मन में अंग्रेजी हुकूमत के प्रति आक्रोशऔर बढ गया. जिससे अंग्रेज़ी हुकूमत के पैर उखड गये, और तब से हर वर्ष पूरा देश इस दिन इन शहीदों को याद करता है.