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हमीरपुर: ननकाना साहिब में हुए पथराव से नाराज कांग्रेसियों ने फूंका इमरान खान का पुतला - कांग्रेसियों ने फूंका इमरान खान का पुतला

ननकाना साहिब गुरुद्वारे में हुए हमले के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग प्रदर्शन कर घटना के खिलाफ अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं. हमीरपुर में विरोध जताते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का पुतला जलाया.

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कांग्रेसियों ने फूंका पुतला.

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Published : Jan 5, 2020, 6:51 PM IST

हमीरपुर:पाकिस्तान के लाहौर शहर में बीते शुक्रवार को गुरु नानक देव जी के जन्म स्थान गुरुद्वारा नानक साहिब पर पथराव से नाराज कांग्रेसियों ने रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का पुतला फूंका. जिला मुख्यालय स्थित रोडवेज बस डिपो के पास दर्जनों की संख्या में एकत्र हुए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इमरान खान को चेतावनी दी है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि पाकिस्तान में सिख समुदाय के साथ ज्यादती हो रही है. केंद्र सरकार को जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने चाहिए.

कांग्रेसियों ने फूंका पुतला.

कांग्रेस प्रवक्ता ने दी जानकारी
कांग्रेस के जिला प्रवक्ता लक्ष्मीकांत त्रिपाठी ने कहा कि सिख समुदाय के पवित्र स्थल गुरुद्वारा नानक साहिब पर घटी पथराव की घटना की कांग्रेस पार्टी निंदा करती है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं रह गई है, जिससे वहां पर रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय खतरे में हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर साफ नजर आता है. इमरान खान करतारपुर कॉरिडोर को लेकर वाहवाही तो खूब बटोरते हैं, लेकिन वह सिख समुदाय की जरा भी फिक्र नहीं करते.

इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के जिला प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी हरकतें सुधारनी होंगी. उन्होंने कहा कि हाल में घटी घटनाओं से साफ है कि पाकिस्तान में सिख समुदाय पर अत्याचार किया जा रहा है, जिस पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार को जल्द से जल्द जरूरी कदम उठाने चाहिए. इस मौके पर कांग्रेस की जिला अध्यक्ष नीलम निषाद समेत कई कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

बता दें, तीन जनवरी को ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हलला हुआ. साथ ही धमकियां भी दी गईं की सिख समुदाय के लोगों को वहां से भगा दिया जाएगा. इस घटना के बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि पाक विदेश मंत्रालय ने इस घटना को एक छोटी घटना करार दिया और सिख अल्पसंख्यक समुदाय से माफी मांगी है. इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध के स्वर उठने लगे हैं और लोग पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांग रहे हैं.

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