गोरखपुर: पशु संपदा के लिहाज से बेहद संपन्न पूर्वांचल में पशुपालन और दुग्ध उद्योग को बढ़ावा देकर योगी सरकार पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों की स्थिति और सेहत दोनों सुधारेगी. इसी के दृष्टिगत सीएम सिटी गोरखपुर में वेटनरी मेडिकल कॉलेज की स्थापना होने जा रही है. इसके लिए सरकार ने बजटीय प्रावधान पहले ही कर दिया था, अब वेटनरी मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन भी फाइनल हो गई है. अगले एक-दो माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका शिलान्यास कर सकते हैं. वेटनरी मेडिकल कॉलेज के बनने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के पशुपालकों, लघु एवं सीमांत किसानों, खेतिहर मजदूरों को अपनी आजीविका को बेहतर करने एवं पशुपालन आधारित व्यापार को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों की जानकारी आसानी से मुहैया होगी. एक दुधारू पशु किसी किसान के लिए रोज की नकदी जैसा होता है. इस लिहाज से पूर्वांचल के लिए यह पहल मील का पत्थर बनेगी.
48 एकड़ में बनेगा वेटनरी मेडिकल कॉलेज
पूर्वी उत्तर प्रदेश में पशुपालन को नवीन तकनीक व अनुसंधान से लाभान्वित करने के लिए ही गोरखपुर में वेटनरी मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना अब साकार होने जा रही है. इसके लिए थोड़ी दिक्कत जमीन की थी लेकिन यह समस्या भी अब दूर हो गई है. फर्टिलाइजर कैंपस में लगभग 48 एकड़ जमीन वेटनरी मेडिकल कॉलेज (पशु चिकित्सा महाविद्यालय) के लिए देखी गई है. जिसे एक्सपर्ट कमेटी द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस कॉलेज के खुलने से पशुपालकों को न केवल इस सेक्टर की नवीन प्रविधियों का लाभ मिलेगा बल्कि पशुओं को बीमारियों से बचाने में भी काफी मदद मिलेगी. जानवरों से मनुष्य एवं मनुष्यों से जानवरों में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम हेतु बीआरडी मेडिकल कॉलेज एनआईबी एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय मिलकर काम करेंगे ताकि इस क्षेत्र में जूनोटिक बीमारियों के प्रभाव को कम किया जा सके.
व्यय वित्त समिति से मिल चुकी है मंजूरी
वेटनरी मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पूर्व में ही इसके लिए 40 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कर रखा है. लोक निर्माण विभाग की तरफ से इसके निर्माण के लिए बनाई गई 425 करोड़ रुपये की प्राथमिक डीपीआर को व्यय वित्त समिति की मंजूरी भी मिल चुकी है.