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जुबां पर आया सब्जी किसानों का दर्द, कहा- साहब मुनाफा छोड़ो नहीं मिल रही लागत

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के पिपराइच क्षेत्र में किसान मौसमी सब्जियों सहित लौकी और बैगन की बड़े पैमाने में खेती करते हैं. इसमें उनकी लाखों की लागत लगती है, लेकिन कोरोना लॉकडाउन के चलते इस बार फसल का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण किसानों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है.

lockdown affects vegetable farmers
lockdown affects vegetable farmers

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Published : May 14, 2020, 8:35 PM IST

गोरखपुर:कोरोना वायरस महामारी के बीच भी किसान कड़ी मेहनत कर सब्जियों को उगा रहे हैं, लेकिन अब उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि लॉकडाउन के कारण वह अपनी सब्जियों को मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. ऐसे में किसानों को आर्थिक संकट का भी भय सताने लगा है.

सब्जी किसानों पर लॉकडाउन की दोहरी मार.

खेतों में सड़ रही सब्जियां
गोरखपुर जिले के पिपराइच थाना क्षेत्र के किसान मौसमी सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. अभी वर्तमान में उनके खेतों में लौकी और बैगन की फसल तैयार है. लॉकडाउन के कारण इसे वह मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे अब यह सब्जियां खेतों में पड़े-पड़े ही सड़ने लगी हैं.

बंचरा ग्राम प्रधान जो कि खुद पेशे से किसान हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन के कारण सब्जियों की खपत में काफी कमी आई है. सब्जियों को मंडी तक ले जाने में पुलिस जगह-जगह परेशान करती है. ऐसे में इन सब्जियों को कोई पूछने वाला नहीं है. पिछले वर्ष 25 और 30 रुपये किलो यही बैगन बड़े आसानी से बिक जाता था. इस वर्ष 10, 8 और 5 रुपये में कोई पूछने वाला नहीं है. उन्होंने बताया कि हर वर्ष पांच लाख का बैगन बेचते थे. इस वर्ष एक लाख का भी नहीं बिक पाएगा.

नहीं मिल रही लागत
वहीं दूसरे किसान गुलशन कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनकी फसल नहीं बिक रही है, जिससे काफी नुकसान उठाना पड़ा. तैयार लौकी मण्डी में निजी साधन से ले जाकर बेचते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण गाड़ी मंडी में नहीं जा रही है. ऑनलाइन कई आवेदन किया, लेकिन रिजेक्ट हो गया. लागत खर्च न निकलने से जमा पूंजी डूब जाएगी और लाखों का नुकसान होगा.

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