गोरखपुरः जिले में प्रदेश का पहला दिव्यांग मोबाइल कोर्ट गुरुवार को आयोजित किया गया. इस कोर्ट में सुनवाई करने के लिए खुद राज्य आयुक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अजीत कुमार मौजूद रहे, जो नेत्रहीन है और दिव्यांगों की श्रेणी में आते हैं. उनकी मौजूदगी में बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह में जिले के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की मौजूदगी में करीब 400 दिव्यांगों ने अपने पंजीकरण के साथ एक-एक कर अपनी समस्याओं को सुनाया. इनके निराकरण का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया. इस दौरान कुछ की समस्याओं का निस्तारण करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र भी सौंप दिया गया.
इस दौरान तमाम ऐसे दिव्यांग अपनी पीड़ा लेकर राज्य आयुक्त के समक्ष पेश हुए, जिनकी समस्याएं अपने आप में हैरान कर देने वाली थी. एक दिव्यांग पिछले 3 साल से शादी अनुदान योजना के तहत मिलने वाली धनराशि के लिए कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते थक चुका था. वह भी अपनी फरियाद लेकर आया था. इस मामले में कठोर निर्देश संबंधित अधिकारी को दिया गया. वहीं, तमाम दिव्यांगों ने यह कहा कि उन्हें भी सरकारी आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो या मुख्यमंत्री क्योंकि उनके पास छत नहीं है.