गोरखपुर:सड़कों के बिछते जाल और विकास के मायाजाल, पेड़-पौधों और पर्यावरण के लिए कितना नुकसान दाई है. यह गोरखपुर शहर में अंधाधुंध हो रहे विकास कार्यों से निकलकर सामने आ रहा है. 'एक वृक्ष दस पुत्र समाना' का नारा खुद वन विभाग देता है. लेकिन फोरलेन और सिक्सलेन की सड़कों को बनाने के लिए यही वन विभाग सरकार के निर्देश और कार्यदाई संस्थाओं की पहल पर हजारों पेड़ काटने की अनुमति देता है. जिससे हरियाली समाप्त होने के साथ पर्यावरणीय असंतुलन भी बनता है. वहीं पेड़ों के काटे जाने पर एनजीटी की भी आंख बंद हो जाती है.
पर्यावरणविदों की नजर में अपराध, लेकिन सरकार के लिए सब जायज
वृक्षों के अंधाधुंध कटान से मानव जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. गोरखपुर शहर को चारों दिशाओं से फोरलेन से जोड़ने का प्रयास पिछले 2 सालों से चल रहा है. शहर के बाहरी हिस्से की बात छोड़ दें, तो सिर्फ शहर में ही करीब 847 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए हैं. जो 25 से 50 साल उम्र के थे. अगर पूरे जिले की बात करें तो इन सड़कों के निर्माण में छोटे- बड़े 20 हजार पेड़ों को अपनी बलि देनी पड़ी है.
क्या कहते हैं वन विभाग के अधिकारी
वन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि शासन की गाइडलाइन और कार्यदाई संस्थाओं के आवेदन पर विभाग अपनी जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश और भारत सरकार को भेजता है. जहां से अनुमति मिलने के बाद ही इन प्रोजेक्ट्स के दायरे में आने वाले पेड़ों की कटाई की गई है. जबकि पर्यावरणविद उम्रदराज और ऑक्सीजन के भंडार से भरे इन पेड़ों की कटान को सही नहीं मानते. जबकि इससे शहरों में ऑक्सीजन की भारी कमी और हीटलैंड बन जाता है. जिससे मानवीय जीवन को काफी नुकसान पहुंचता है.
उनका मानना है कि अगर इमली, नीम, आम और साखू, सागौन के पेड़ काटे जाते हैं तो इसी वेरायटी के पौधों का रोपण किया जाना चाहिए. हालांकि टेक्नोलॉजी के इस युग में ऐसे वृद्ध पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन उन्हीं रूट पर कर दिया जाना चाहिए, जिस पर इनकी कटाई हो रही है. इससे कम समय में पौधों को जीवन मिल जाएगा और पेड़ों की कटाई भी नहीं होगी.
गोरखपुर में फोरलेन की सड़कों के निर्माण में काटे गए पेड़
- कौड़िया जंगल के बीच 1507 पेड़
- चौरी-चौरा के बीच 1940 पेड़
- गोरखपुर-वाराणसी रोड पर बड़हलगंज तक 4448 पेड़ (वर्ष 2018-19 में)
- सर्किट हाउस रोड से एयरपोर्ट तक 139 पेड़
- जेल बाईपास रोड पर 15 पेड़
- गोरखपुर-पिपराइच रोड पर 13 पेड़
- गोरखपुर-सोनौली रोड पर 1080 पेड़(वर्ष 2018-19 में)
- गोरखपुर-महराजगंज रोड पर 3392 पेड़