गोरखपुर:जिले के चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे कम हो रही है. तहसील क्षेत्र के कई गांवों में कोरोना संक्रमण से अथवा अकाल मौत के आंकड़ों को बढ़ाकर अफवाह व भय फैलाने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में गौनर गांव में दो महीनों में मौत का आंकड़ा 100 के पार होने की अफवाह फैल रही है, जिसका गौनर ग्राम प्रधान ने खंडन किया है.
जानें, कैसे फैली अफवाह
चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया. इस बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान हुए. मतदान के दौरान लोग कोरोना को हराने वाले दो गज की दूरी के मंत्र को भूल गए. मसलन कोरोना ने भयंकर रूप ले लिया. मरीजों को बेड और ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी. अकाल मौतों के आंकड़ों में भी कुछ हद तक वृद्धि हो गई. इसी बीच बड़े गांव के लोगों से कथित तौर पर जानकारी लेकर गांवों में मौतों के फर्जी आंकड़ों की अफवाह फैला दी गई, जिसमें सबसे अधिक मौतों की अफवाह गौनर गांव से बताई जा रही है.
मुख्य विकास अधिकारी ने ली है जिम्मेदारी
चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र के गौनर गांव में कोरोना के जांच में एक साथ सर्वाधिक 24 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद गोरखपुर के कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने इस गांव में आसपास के गांवों की निगरानी समिति व ग्राम प्रधान की उपस्थिति में जिले के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना नियंत्रण की रणनीति बनाई. जिले के मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने इस गांव की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है. नियमित निगरानी समिति के अलावा वे डॉक्टरों की टीम से बात कर रहे हैं. हालांकि मुख्य विकास अधिकारी गौनर गांव का स्वयं मौके पर जाकर जायजा भी ले रहे हैं.
'अफवाह उड़ा रहे लोग'
ईटीवी भारत से गौनर गांव के नए प्रधान कैलाश निषाद ने बताया कि हमारे गांव में पूरे वर्ष भर में 100 मौते हुई होंगी. कोरोना लहर के बीच चुनाव के दौरान हमारे गांव में मौत का अधिकतम आंकड़ा 30-35 होगा. लोग अफवाह उड़ा रहे हैं.