गोरखपुर: कोरोना महामारी के कारण इस बार दुर्गा पूजा और दशहरे के अवसर पर सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा. हालांकि लोग अपनी श्रद्धा से घर में छोटी प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं. वहीं सभी प्रकार के जुलूस निकालने पर भी पूरी तरह पाबंदी होगी. वहीं रामलीला का आयोजन होगा, लेकिन शारीरिक दूरी बनाकर किया जाएगा. मैदान में अधिकतम 100 लोग ही शामिल होंगे और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए रामलीला का लुफ्त उठाएंगे. यह नियम पूरे यूपी में लागू हो सकते हैं.
गोरखपुर: पुष्पदंत जैन सीएम योगी से मिले, बोले-दुर्गा पूजा और दशहरे में नहीं होंगे सार्वजनिक आयोजन
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दुर्गा पूजा और दशहरे में सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक होगी. सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर व्यापार कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन से मिलकर इन सभी आयोजनों पर रोक लगाने को कहा है. हालांकि रामलीला का आयोजन होगा, लेकिन अधिकतम 100 लोग ही शामिल होंगे.
व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान उन्होंने रामलीला और दुर्गा पूजा पर होने वाले सार्वजनिक आयोजन के संबंध में वार्ता की और शासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के संबंध में अवगत कराया. इस पर मुख्यमंत्री ने पुष्पदंत जैन से रामलीला के आयोजन की अनुमति के साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की बात कही.
इस संबंध में व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने दिशा निर्देशित किया है. सीएम ने कहा कि इस बार दुर्गा पूजा और दशहरा में किसी भी प्रकार का सार्वजनिक आयोजन नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही किसी भी प्रकार का जुलूस भी निकालना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. पुष्पदंत जैन ने मुख्यमंत्री से कहा कि इस बार कोरोना संकट को लेकर बहुत सी बातें सामने आ रही हैं.
लोक भवन से भी निर्देश आया है कि किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं होगा. एक दुविधा लोगों के बीच बन रही है कि दशहरे में पारंपरिक रामलीला के आयोजन की अनुमति होगी या नहीं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रामलीला होगी, लेकिन कोविड-19 को देखते हुए 100 लोग ही शामिल होंगे. सैनिटाइजर और मास्क आदि का पालन करना होगा. गोरखपुर ही नहीं यूपी में सभी शहरों में यही नियम लागू होंगे. दुर्गा पूजा पर सड़कों पर पंडाल बनाकर प्रतिमाओं की स्थापना और पंडाल नहीं लगेगा. कोई जुलूस नहीं निकलेगा. लोग भक्तिभाव से घरों में रहकर पूजा-पाठ कर सकते हैं.