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Gorakhpur University: प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी प्रो. पूनम टंडन ने संभाला डीडीयू के कुलपति का पदभार

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deendayal Upadhyaya Gorakhpur University) के कुलपति का पदभार सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक और शिक्षाविद प्रोफेसर पूनम टंडन ने संभाल लिया है.

Physicist Prof Poonam Tando
Physicist Prof Poonam Tando

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 9:13 PM IST

गोरखपुरः सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक और शिक्षाविद प्रोफेसर पूनम टंडन ने सोमवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार ग्रहण कर लिया. प्रो. टंडन आजादी के बाद स्थापित उत्तर प्रदेश के पहले राज्य विश्वविद्यालय की 39वीं कुलपति हैं और दूसरी महिला कुलपति भी है। प्रो.पूनम ने कुलपति प्रो. राजेश सिंह से कार्यभार ग्रहण किया. इस अवसर पर प्रो. टंडन ने निवर्तमान कुलपति प्रो. राजेश सिंह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप मुझे ए प्लस प्लस विश्वविद्यालय सौंप के जा रहे हैं. जिससे आगे इस विश्वविद्यालय को ले जाने की उनके सामने एक बड़ी चुनौती होगी. कोशिश होगी कि विश्वविद्यालय में कुछ नए आयाम स्थापित कर सकूं. प्रोफेसर टंडन को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 24 अगस्त को गोरखपुर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था. जिसके लिए एक लंबी चयन प्रक्रिया चली थी.

बता दें कि प्रो. पूनम टंडन का लगभग 32 वर्ष का लम्बा करियर, अनेक अकादमिक और प्रशासनिक उपलब्धियों से भरा रहा है. इन्होंने अपने शोध एवं शैक्षणिक कार्यकाल में अनेकों सम्मान अर्जित किये हैं. प्रो. पूनम को जर्मनी के प्रतिष्ठित अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट फेलोशिप सहित दर्जनों सम्मान मिले हैं. लगभग 32 पुस्तकें लिख चुकी हैं और 250 से ज्यादा शोध पत्र विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. 40 विद्यार्थियों ने प्रो. टंडन के निर्देशन में शोध कार्य पूर्ण किया है. दर्जन भर से अधिक रिसर्च प्रोजेक्ट प्रो. टंडन के नाम हैं. जिनमें फ्रांस, ब्राजील, जर्मनी और रूस से सम्बंधित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रोजेक्ट भी सम्मिलित हैं.

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प्रो. पूनम टंडन लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग की अध्यक्ष, प्रभारी कम्प्यूटर सेंटर जैसे महत्त्वपूर्ण पदों का सकुशल निर्वहन कर चुकी हैं. गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पद का दायित्व ग्रहण करने से पहले प्रो. टंडन लखनऊ विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण और अधिष्ठाता एकडेमिक थीं. इसके अतिरिक्त उपक्रम (Uttar Pradesh center for ranking, accreditation and mentoring) की डायरेक्टर जनरल भी हैं.

विवादों और कुछ उपलब्धियों के बीच प्रोफेसर टंडन को गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर आसीन होने का मौका मिला है. उनके सामने तमाम सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज की अहमियत को बनाए रखना और विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करना बड़ा विषय होगा. निवर्तमान कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह से विश्वविद्यालय के शिक्षकों में ही भारी टकराव की स्थिति रही है. दो माह पूर्व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की भी घटना घटित हुई. जिससे विश्वविद्यालय और कुलपति राजेश सिंह की छवि को भी बड़ा धक्का लगा है. मामला अभी भी जांच में चल रहा है. इसलिए नए कुलपति को विश्वविद्यालय परिसर में पठन-पाठन के माहौल के साथ अनुशासन को भी स्थापित करना चुनौती होगा.

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