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MMMUT गोरखपुर और IIT जम्मू के छात्र ने मिलकर बनाई मास्क निगरानी डिवाइस

कोरोना महामारी से जंग में MMMUT गोरखपुर और IIT जम्मू के दो छात्रों ने मिलकर मास्क निगरानी डिवाइस का अविष्कार किया है. यहां जानिए कैसे काम करेगा ये निगरानी डिवाइस..?

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Published : Jun 15, 2020, 11:18 AM IST

मास्क निगरानी डिवाइस बनाने वाले छात्र सार्थक और मयंक
मास्क निगरानी डिवाइस बनाने वाले छात्र सार्थक और मयंक

गोरखपुर: कोरोना वायरस को हराने के लिए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) गोरखपुर के छात्र सार्थक श्रीवास्तव व आईआईटी जम्मू के मयंक सिंघल ने एक अनोखे डिवाइस का निर्माण किया है. ये डिवाइस सार्वजनिक जगहों पर मास्क न लगाने वाले लोगों को चिंहित करेगा.

सार्थक श्रीवास्तव

सार्थक और मयंक ने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन बातचीत के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मास्क निगरानी प्रणाली विकसित करने में सफलता हासिल की है. MMMUT के विशेषज्ञों का दावा है कि यह प्रणाली कोरोना संक्रमण को रोकने में बेहतर हथियार साबित होगी. जिससे सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क पहने हुए या सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर नजर रखी जा सकेगी.

मयंक सिंघल

डिवाइस की खासियत

इस प्रणाली में एक कैमरा होगा जो सार्वजानिक स्थान पर लगाया जा सकेगा. इस कैमरे से एक कंप्यूटर सिस्टम जुड़ा होगा. जैसे ही बिना मास्क पहने हुए या सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वाला कोई व्यक्ति कैमरे की नजर में आएगा, सिस्टम तुरंत अलार्म के माध्यम से निगरानी करने वाले लोगों को सतर्क कर देगा.

सार्वजनिक जगहों की होगी निगरानी

इस डिवाइस का इस्तेमाल भीड़ वाली जगहों जैसे- अस्पताल, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों, शॉपिंग मॉल एवं अन्य सार्वजानिक स्थानों पर किया जा सकता है. आने वाले दिनों में कोरोना की वजह से जीवन शैली काफी बदल जाएगी. जिसमें सबकी सुरक्षा के लिए भीड़ से बचना होगा. एक दूसरे से दूरी बनाए रखनी होगी और मास्क पहनना होगा. ऐसे में यह प्रणाली स्थानीय प्रशासन के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है.

छात्रों ने 'कोडबग्ड' नाम से स्टार्टअप की शुरूआत

सार्थक और मयंक ने साथ मिलकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग श्रेणी में 'कोडबग्ड' नाम से एक स्टार्टअप भी पंजीकृत करवाया है. जो आर्टिफिशिअल इंटेलिजेंस की दिशा में प्रौद्योगिकी विकसित करने का काम कर रही है. सार्थक और मयंक द्वारा बनाये गए इस सिस्टम को पुणे में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता 'जील कोविड-19 हैकेथन' में पहला पुरस्कार मिला है.

छात्रों को लोगों ने दी बधाई

फ्रांसीसी मूल की कंपनी 'केपजेमिनी' की भारतीय इकाई के मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ. किशोर विखे ने पुरस्कार प्राप्त करने पर दोनों छात्रों की प्रशंसा की है. सार्थक एमएमएमयूटी के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग में बीटेक द्वितीय वर्ष का छात्र हैं. फिलहाल वह आईआईटी कानपुर की आर्टिफिशिअल इंटेलिजेंस लैब में शोध कर रहे हैं. सार्थक की सफलता पर कुलपति प्रो. श्री निवास सिंह, विभागध्यक्ष प्रो. पीके सिंह सहित सभी शिक्षकों ने बधाई दी.

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