गोरखपुर :मंगलवार को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गोरखपुर जनपद को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को नैक (National Assessment and Accreditation Council) ने मूल्यांकन के बाद 'A' ग्रेड जारी किया है. नैक 'A' ग्रेड मिलने के बाद यह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश का पहला राज्य विश्वविद्यालय बन गया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश का कोई भी राज्य विश्वविद्यालय 'B+'(बी, प्लस) ग्रेड से आगे नहीं बढ़ सका था.
इस सफलता के साथ ही MMMUT देश के उन चुनिंदा विश्वविद्यालयों में भी शामिल हो गया है, जिन्हें पहले प्रयास में ही 'A' ग्रेड मिला है. उल्लेखनीय है कि MMMUT(Madan Mohan Malaviya University of Technology) को विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हुए अभी एक दशक भी पूरा नहीं हुआ है. एक दिसंबर 2013 को इंजीनियरिंग कॉलेज से विश्वविद्यालय में तब्दील होने वाले इस संस्थान ने वर्ष 2020 से ही नैक मूल्यांकन की तैयारी आरंभ कर दी थी और वर्ष 2021 में नैक मूल्यांकन के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया था.
कैसे होता है नैक का मुल्यांकन ?
नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया में 3 महत्वपूर्ण चरण होते हैं. पहला चरण सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (SSR) जमा करने से संबंधित है, जिसे MMMUT ने अगस्त 2021 में पूरा कर लिया था. दूसरा चरण संस्थान द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों और विवरण के सत्यापन से संबंधित होता है, इस चरण को MMMUT ने जनवरी 2022 में क्रॉस कर लिया था. तीसरे चरण में नैक द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की टीम ने विश्वविद्यालय का 7 बिंन्दुओं पर मूल्यांकन किया.
बीते 9 जून को मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी हो गयी थी. छह सदस्यीय टीम ने 3 दिन तक परिसर की व्यवस्था का बारीकी से मूल्यांकन किया और रिपोर्ट तैयार कर नैक की वेबसाइट पर अपलोड कर दी. उसके 5 दिन बाद मंगलवार को परिणाम आ गया. मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ी मेहनत की थी. इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर नैक के 7 मापदंडों को पूरा करने के लिए 3-3 सदस्यों वाली 7 कमेटी बनाई गईं थीं.