गोरखपुर:शहर के असुरन चौराहे से होते हुए मेडिकल कॉलेज के रास्ते महाराजगंज तक जाने वाली फोरलेन सड़क के निर्माण में प्रशासन ने जमकर मनमानी की है. सड़क के चौड़ीकरण और नाला निर्माण के लिए जिन लोगों की जमीन और मकान का अधिग्रहण किया गया, उनमें सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्हें बिना मुआवजा दिए ही उनको निजी स्थान से बेदखल किया गया. साथ ही उनके मकान को भी तोड़ दिया गया. मुआवजे की मांग करने वाले लोग अभी भी खाली हाथ हैं.
बिना मुआवजा दिए तोड़े गए मकान.
असुरन चौक से मेडिकल कॉलेज रोड को फोरलेन बनाया जा रहा है. मार्च 2020 तक इसके निर्माण का अंतिम समय तय किया गया है. काम भी तेजी से चल रहा है, लेकिन सड़क निर्माण में जिनकी जमीन गई, जिनके मकान का हिस्सा तोड़ा गया, उसमें से तमाम लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. प्रोजेक्ट अगले 2 महीने में पूरा हो जाएगा. करीब 70 करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में बकाया है. यह खुद जिलाधिकारी गोरखपुर का कहना है.
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जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने बताया कि अनुमानित 70 करोड़ के बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. इसके जल्द पास होने की उम्मीद है, जिसको बकायदारों में मार्च 2020 से पहले बांट दिया जाएगा. वहीं गोरखपुर सदर के भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने भूमि अधिग्रहण कानून का हवाला देते हुए कहा कि वह इस मामले को सीएम योगी के संज्ञान में ला चुके हैं. उनके विधायक रहते किसी का मुआवजा बाकी नहीं रहने पाएगा.
इस सड़क के दोनों तरफ बनाए जा रहे नाले ने लोगों के लिए और मुसीबत खड़ी कर दी है. नाले की डिजाइन पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियरों की सोच और समझ पर सवाल खड़ा करती है. वहीं इसकी ऊंचाई ने इसके दोनों तरफ बसी कॉलोनियों की जल निकासी व्यवस्था को पूरी तरह बाधित कर दिया है. बारिश होने पर पानी कॉलोनियों में रुक रहा है. लोगों का अपने घरों में आना-जाना मुश्किल हो रहा है, लोग बेहद परेशान हैं.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएम योगी के निवास स्थान गोरखनाथ मंदिर से उनका इलाका महज 3 किलोमीटर दूर है. इसके बावजूद उनकी समस्याओं का निदान नहीं हो रहा है. गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है. इसकी डिजाइन पर सदर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने विधानसभा में सवाल भी उठा दिया है, लेकिन फिर भी नागरिकों को राहत नहीं मिल रही और न ही कार्ययोजना में कोई सुधार हो रहा है.