गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMTU) के केंद्रीय ग्रंथालय को सेंट्रल लाइब्रेरी भी कहा जाता है. यह लाइब्रेरी साल 2011 में ही प्रदेश में पहली ऑटोमेशन लाइब्रेरी होने का गौरव हासिल कर चुकी है. समय के साथ ही यह अपने आपको लगातार अपडेट करती जा रही है. यह लाइब्रेरी अपने यहां पढ़ने वाले इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को सिर्फ विषय की ही नहीं, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और नौकरी के लिहाज से जरूरी पुस्तकें भी उपलब्ध कराती है.
साल 1960 में हुई थी लाइब्रेरी की स्थापना
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पहले एक इंजीनियरिंग कॉलेज हुआ करता था, जिसकी स्थापना वर्ष 1969 में हुई थी. विश्वविद्यालय को बने अभी 6 साल हुए हैं. यहां पर लगभग 1 लाख 16 हजार 500 पुस्तकें हैं, जिसमें पुरानी जनरल्स भी शामिल हैं, जो कि छात्रों को रिसर्च में बहुत मदद करती हैं. पुस्तकों का आदान-प्रदान पूरी तरह स्वचालित हैं और बारकोड के आधार पर लाइब्रेरी से इनकी निकासी होती है.
वाईफाई से युक्त है लाइब्रेरी
किताबों का वितरण दो प्रकार से होता है. जहां बुक बैंक से किताबें 180 दिन के लिए निर्गत होती हैं तो वहीं जनरल सेक्शन से यह छात्रों को 14 दिन के लिए प्राप्त होती हैं. लाइब्रेरी पूरी तरह से वाईफाई से युक्त है और यहां पर अलग से एक AC हाल भी बनाया गया है, जिसकी स्थापना अखिलेश यादव की सरकार में हुई थी, जिससे गर्मी के दिनों में छात्रों को आराम मिलता है.
RFID सुविधा से किया जाएगा लैस
पुस्तकालय में ई-लाइब्रेरी भी है. यहां ई-बुक और ई-जर्नल भी उपलब्ध कराए जाते हैं. इसे भी नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की सदस्यता प्राप्त है. साथ ही विश्वविद्यालय कैंपस में 24 घंटे OPAC की सुविधा उपलब्ध है. यहां के डिप्टी लाइब्रेरियन देवेंद्र पांडेय की माने तो आने वाले समय में लाइब्रेरी को आरएफआईडी(RFID) सुविधा से लैस कर दिया जाएगा, जिससे छात्रों को बेहतर लाभ मिलेगा तो यहां की किताबों का संरक्षण और सुपरविजन भी आसान हो सकेगा.
यही नहीं, आने वाले समय में 'यूनिवर्सिटी एंप्लॉयमेंट इनफॉरमेशन एंड गाइडेंस ब्यूरो' को भी खोलने का यहां प्लान है, जिससे पुस्तकालय और प्लेसमेंट संबंधी सुविधाएं और बढ़ जाएंगी. लाइब्रेरी में छात्रों को प्रिंट जर्नल, मैगजीन और न्यूजपेपर भी उपलब्ध होता है. साथ ही फोटोकॉपी की भी सुविधा मिलती है. इसके अलावा विभिन्न सरकारी और निजी विभागों में रिक्तियों के विज्ञापन भी पुस्तकालय के नोटिस बोर्ड पर लगाए जाते हैं.
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सीसीटीवी की निगरानी में है लाइब्रेरी
पुस्तकालय सुबह 9 बजे से रात 8 बजकर 30 मिनट तक खुलता है, यह रविवार को भी खुला रहता है. दिव्यांग छात्रों के लिए पुस्तकालय में प्रवेश हेतु रैंप भी बनाया गया है. विश्वविद्यालय बनने के बाद अब पुस्तकालय का एक्सटेंशन भवन भी बनकर तैयार हो गया है. यह लाइब्रेरी पूरी तरह सीसीटीवी की निगरानी में है. तभी तो यहां पढ़ने वाले हर छात्र-छात्राएं इसकी जमकर तारीफ करते हैं.
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छात्र-छात्राएं बताते हैं कि क्लास के लेक्चर के अलावा ऑनलाइन लेक्चर को देखना-समझना काफी आसान लगता है. साथ ही मन में कोई सवाल उठे तो उसका उत्तर एक क्लिक पर सामने मौजूद होता है. उनका कहना है कि लाइब्रेरी में बाकी विद्यार्थियों को पढ़ता देख पढ़ने की जिज्ञासा भी खुद ब खुद बढ़ जाती है.