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जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच के लिए आरएमआरसी अब भी KGMU पर निर्भर, जानें क्यों

बीआरडी मेडिकल कॉलेज कैंपस में क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र में 9 लैब हैं. हालांकि मशीनों के अभाव में जांचों के लिए सैंपल केजीएमयू भेजना पड़ता है.

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जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच

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Published : Mar 17, 2022, 8:55 PM IST

गोरखपुर.जनपद के बीआरडी मेडिकल कॉलेज कैंपस में क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र में 9 लैब बनकर तैयार है. इसके बावजूद जीन मैपिंग से लेकर तमाम तरह की जांचों के लिए सैंपल लखनऊ के केजीएमयू में भेजना पड़ रहा है. बताया जाता है कि इन लैबों में मशीनों की कमी है. इसके चलते यह सिर्फ और सिर्फ हाथी के दांत ही साबित हो रहा है. इन लैबों का उद्घाटन खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था.

जानकारी के मुताबिक आरएमआरसी में तैयार लैब बीएसएल बायोसेफ्टी लेवल 2 प्लस का है. इसमें एनिमल फैसिलिटी भी है. यहां चूहे, खरगोश और गिनी पिग जैसे जानवर रखे जाएंगे जिनपर वैक्सीन का परीक्षण हो सकेगा. इसके अलावा वैक्सीन की क्षमता और उसके प्रभाव की जांच के लिए नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एनआईबी पुणे नहीं भेजे जाएंगे. यह पूरी तरह से मॉडर्न है लेकिन मशीनों के अभाव के कारण यहां लैब उपयोगी साबित नहीं हो पा रही है.

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वहीं, आरएमआरसी के डायरेक्टर डॉ. रजनीकांत ने बताया कि यहां जीन मैपिंग से लेकर वैक्सीन की क्षमता और नई बीमारियों पर रिसर्च होगा. एंटीबॉडी से लेकर वायरस की जांच हो सकेगी. यही नहीं, बहुत जल्द मशीनें भी यहां आ जाएंगी और गोरखपुर का यह केंद्र ऐसी गंभीर जांचों लिए बड़ा केंद्र बन जाएगा. इसमें एंटीबॉडी से लेकर सभी प्रकार की जांचें शामिल होंगी.

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