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जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने भगने तटबंध का किया निरीक्षण - गोरखपुर ताजा खबर

जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने गोरखपुर के चौरी चौरा क्षेत्र में बाढ़ बचाव कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान जलशक्ति मंत्री ने पिछले दो वर्ष में सबसे अधिक संवेदनशील रहा भगने तटबंध का जायजा लिया.

जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने भगने तटबंध का किया निरीक्षण
जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने भगने तटबंध का किया निरीक्षण

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Published : Jun 5, 2021, 3:25 PM IST

गोरखपुर: जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने जिले के चौरी चौरा में मुख्यमंत्री के आदेश पर जलशक्ति-सिंचाई विभाग द्वारा कराए जा रहे बाढ़ बचाव कार्यों का निरीक्षण किया. जलशक्ति मंत्री ने तटबंधों पर कराए जा रहे कार्यों का जायजा लिया है. पिछले दो वर्ष से भगने तटबंध संवेदनशील जगह बन गई थी. गौरतलब है कि भगने में राप्ती व गोर्रा की मुख्य धारा सीधे मुड़ती है. बाढ़ के लिहाज से यह सरकार द्वारा स्थानीय लोगों को दी गई बड़ी सौगात है.

सबसे अधिक संवेदनशील भगने तटबंध
चौरी चौरा तहसील क्षेत्र में गोर्रा और राप्ती नदियों में उफान के बाद कछार क्षेत्र के 52 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है. पिछले दो वर्ष में सबसे अधिक संवेदनशील जगह भगने तटबंध रहा है. जिसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री से परियोजना देकर तटबंध की मरम्मत की मांग की थीं. जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर वर्ष भर के भीतर ही भगने तटबंध पर बड़ी परियोजना के माध्यम से बोल्डर, पिचिंग व कटर लगाया गया है.

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बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के भ्रमण पर जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह
मानसून आने से पहले यूपी सरकार के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में जाकर हकीकत देख रहे हैं. लगभग 6 जिलों का निरीक्षण कर ग्राउंड जीरो पर हाल जान रहे हैं. चौरी चौरा के भगने में भी शनिवार दोपहर पत्रकारों से बात करते हुए जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार यूपी में सीएम योगी ने बड़ा फैसला लिया है. पहले की सरकारों में पैसा मार्च अप्रैल में मिलता था जून आते आते बरसात आ जाती थी. लेकिन इस वर्ष जनवरी में ही पैसा दिया गया, जिससे हम परियोजना पूरी करके दे सके. जिससे किसी भी गांव को कोई तकलीफ न होने पाए. उन्होंने कहा कि हम जिले-जिले में निरीक्षण कर रहे हैं. यूपी में 2014-15 में 15 लाख हेक्टेयर जमीन कटी थी. 2020 में मात्र 12 हजार हेक्टेयर भूमि कटी है.

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