उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गोरखपुरः बाढ़ आई तो बचाव के लिए बाहर से मंगानी पड़ेगी नाव - uttar pradesh

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की सीमा से होकर बहने वाली नदियां बारिश के इस मौसम में उफान पर हैं. हालात यदि बाढ़ जैसे हो गये तो राहत कार्य के लिए जिला प्रशासन के लिए नाव का इंतजाम करना बेहद कठिन होगा.

बाढ़ तो बचाव के लिए बाहर से मंगानी पड़ेगी नाव

By

Published : Jul 18, 2019, 4:30 PM IST

गोरखपुरः जिले की सीमा से होकर राप्ती और गोर्रा नदी बहती है. बाढ़ के दृष्टिकोण से यह जिला अतिसंवेदनशील जिलों की श्रेणी में है. इन दो बड़ी नदियों के अलावा करीब आधा दर्जन छोटी नदी और नाले भी बरसात के दिनों में संकट पैदा करते हैं. यही वजह है कि इस समस्या से निपटने के लिए प्रारंभिक तौर पर नाव ही काम आती है, जिसका भारी अभाव है.

बाढ़ आई तो बचाव के लिए बाहर से मंगानी पड़ेगी नाव.

जिला आपदा प्राधिकरण ने इसके बीच टीमों को बाढ़ से बचाव और राहत के कार्य में पूरी तरह से पारंगत कर देने में जुटी है. जिले की तहसीलों में जरूरत के हिसाब से ना तो नाव हैं और ना ही अभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया जा सका है. सिर्फ रिहर्सल और तैयारियां ही चल रही हैं, जबकि नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और नेपाल भी 100 क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ चुका है.

बीते वर्ष 2018 के सापेक्ष 2019 में कुल 69 नाव कम बताई गई है. पिछले साल कुल 328 नाव लगाई गई थी, जिनमें से यह 69 नावें क्षतिग्रस्त हो गई है. यहीं नहीं पिछले वर्ष भी जिला प्रशासन को 28 नाव अयोध्या और बाराबंकी से मंगानी पड़ी थी. जबकि 1998 की भयंकर बाढ़ में 1756 नाव को बचाव कार्य में लगाया गया था, जिसमें बड़ी-छोटी सभी नावे थीं.

हैरानी की बात है कि जिले के तहसीलों में कैंपियरगंज के पास एक भी छोटी नाव नहीं है. वहीं सदर तहसील में 59, चौरी चौरा में 17, गोला में 66 सहजनवा में 17, बांसगांव में 29, खजनी 49 और कैम्पियरगंज में कुल 22 नावें हैं.

दूसरी तरफ शासन ने नाविकों की मजदूरी तो बढ़ा दी पर नाव की कमी है. चालू वित्तीय वर्ष में छोटी नाव का किराया 59 रुपए प्रतिदिन करके उसके 2 नाविकों को 339-339 रुपये मजदूरी दी जाएगी. जबकि मझोली नाव का किराया 92 रुपये कर दिया गया है और इसके कुल 3 नाविकों को 339 रुपये प्रतिदिन के दर से मजदूरी दी जाएगी. वहीं बड़ी नाव का किराया 115 रुपये कर दिया गया है. जिस पर 4 नाविकों की तैनाती होगी और उन्हें भी 339 रुपये की दर से प्रतिदिन की मजदूरी तहसील स्तर से प्रदान की जाएगी.

सेक्शन 31 में जिलाधिकारी को असीम शक्ति प्राप्त है, जिसके सहारे वह बाढ़ बचाव के लिए प्राइवेट लोगों से भी उनकी नाव को ले सकता है. इसलिये चिंता की कोई बात नहीं.

-जयंत नार्लीकर, कमिश्नर, गोरखपुर मंडल

अभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया जा रहा है. जिससे संकट की घड़ी में मोबाइल नेटवर्क के फेल होने पर पुलिस के वायरलेस सेट से मदद ली और दी जा सके.
-जयनारायण सिंह, आईजी जोन, गोरखपुर

ABOUT THE AUTHOR

...view details