उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गर्मी और तपिश ने जानवरों के लिए भी बढ़ाई मुश्किलें, चिड़ियाघर में बचाव और खान-पान पर दिया जा रहा विशेष ध्यान - गर्मी और तपिश

अप्रैल महीने में ही पड़ रही तेज गर्मी, धूप और तपिश से इंसानी जीवन जहां पूरी तरह परेशान हो उठा है. तपिश की हालत ऐसी है कि जानवर अपनी माद में ही आराम फरमा रहे हैं. तपिश और लू से पर्यटकों की भीड़ भी कम हुई है, जो यहां आ रहे हैं उन्हें जानवरों को भरपूर देखने का आनंद भी नहीं मिल रहा है.

etv bharat
गर्मी और तपिश ने जानवरों के लिए भी बढ़ाई मुश्किलें

By

Published : Apr 27, 2022, 8:55 PM IST

गोरखपुर: अप्रैल महीने में पड़ रही तेज गर्मी, धूप और तपिश से इंसानी जीवन जहां पूरी तरह परेशान हो उठा है, वहीं पर जानवरों में भी इस मौसम ने बड़ी परेशानी पैदा कर दी है. गोरखपुर के अशफाक उल्ला खां चिड़ियाघर में पर्यटकों को लुभाने के लिए बाड़े में कैद जानवर भी तपिश की बड़ी मार झेल रहे हैं.

शेर, चीता,बाघ, लकड़बग्घा, गैंडा, दरियाई घोड़ा सभी तपिश से बचने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. चिड़ियाघर प्रबंधन भी इन्हें ठंड के अनुकूल माहौल देने, डिहाइड्रेशन और अन्य तरह की समस्याओं से बचने के लिए उपयुक्त भोजन देने में जुटा है ताकि जानवरों को डिहाइड्रेशन न हो और उनकी सेहत भी खराब न होने पाए. तपिश की हालत ऐसी है कि जानवर अपनी माद में ही आराम फरमा रहे हैं. तपिश और लू से पर्यटकों की भीड़ भी कम हुई है जो यहां आ रहे हैं उन्हें जानवरों को भरपूर देखने का आनंद भी नहीं मिल रहा है.

गर्मी और तपिश ने जानवरों के लिए भी बढ़ाई मुश्किलें

चिड़ियाघर के डॉक्टर योगेश सिंह (Zoo doctor Yogesh Singh) की मानें तो जो तापमान मानव जीवन के लिए अनुकूल होता है, वह जानवरों को भी सूट करता है. माना जाता है कि 25 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान सभी को आनंद देता है लेकिन अप्रैल के महीने में पारा के 42 -43 डिग्री टेंपरेचर को पार कर जाना सभी के लिए परेशानी का सबब बन गया है. यही वजह है कि जानवरों को ठंड का माहौल देने के लिए बाड़ो में कूलर लगाया गया है. पंखे चलाए जा रहे हैं और स्प्रिंकलर के माध्यम से पानी के छिड़काव और शीतलता का भी इंतजाम हो रहा है.

इसे भी पढ़ेंःविकास की नई पहचान बना गोरखपुर चिड़ियाघर: सीएम योगी

उन्होंने कहा कि चिड़ियाघर नया है. अभी हरियाली का इंतजाम पर्याप्त नहीं है. ऐसे में घास-फूस की झोपड़ियों को बनाकर उसमें शीतलता का माहौल पैदा किया जा रहा है. यहां पर जानवर जाकर आराम कर रहे हैं. डॉ. योगेश ने कहा कि इस दौरान खानपान का विशेष ध्यान रखा गया है. खीरा, ककड़ी, तरबूज और नारियल पानी जैसे खाद्य पदार्थ जानवरों को दिए जा रहे हैं जिससे उनमें पानी की कमी न होने पाए और वह बीमारी के शिकार न हो.

तेज धूप और तपिश में लोग आनंद की तलाश में चिड़िया घर पहुंच रहे हैं लेकिन पहले की भांति पर्यटकों की संख्या नहीं पहुंच रही. गर्मी से हाफ रहे जानवर अपनी माद में हैं तो दर्शकों को इसका भरपूर आनंद नहीं मिल पा रहा है. आवाज देने के बाद ही शेर, चीता जैसे जानवरों का लोग लुत्फ नहीं उठा पा रहे हैं. कभी कभार भालू, गैंडा और दरियाई घोड़ा दर्शकों का मन मोह ले रहा है तो पक्षियों के बाड़े में उनकी चहचहाहट दर्शकों को आनंदित कर रही है.

गोरखपुर में चिड़ियाघर के खुल जाने से लोग इसका आनंद लेने इस तेज धूप में भी आस-पास के जिलों से भी आ रहे हैं लेकिन जानवरों को न देख पाने से वह भी निराश हो रहे हैं. दर्शकों का भी कहना है कि भीषण गर्मी जब इंसान को तबाह किये हैं तो जानवरों का भी परेशान होना लाजिमी है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details