गोरखपुर: सीएम सिटी के रूप में पहचान रखने वाला गोरखपुर शहर, स्मार्ट सिटी के साथ नित नई परियोजनाओं के साथ जुड़ते हुए अपनी खूबसूरती और शहर में सुविधा बढ़ाने में जुटा हुआ है. इससे न सिर्फ शहर का लुक बेहतर होगा, बल्कि सुविधाओं से लोगों को बेहतर जीवन जीने में भी मदद मिलेगी. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत शहर को नॉन अटेनमेंट सिटी से बाहर निकालने और विकसित करने की पहल तेज हुई है, जिससे वायु प्रदूषण से शहर मुक्त होगा. इसके लिए शहर के दो स्थानों पर सबसे पहले एयर प्यूरीफायर मशीन लगाई जाएगी. इसके लिए दो निजी कंपनियों से करार हो रहा है.
यह मशीन वायु प्रदूषण का स्तर मशीन लगाने से पहले और लगाने के बाद की स्थिति का नगर निगम को उपलब्ध कराएगी. परिणाम अच्छा आने के बाद कंपनी को मशीन स्थापित करने के साथ अन्य क्षेत्रों में भी इसे स्थापित करने के लिए जिम्मेदारी मिलेगी. करीब 12 लाख रुपये एक केंद्र की स्थापना पर लगेगा. इस संबंध में अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने कहा है कि लगातार 5 वर्ष तक शहर के वायु प्रदूषण का परीक्षण किया गया. स्थिति सामान्य नहीं मिलने की दशा में ही अब इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू होगा. इसके साथ ही वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए शहर में अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं. इसमें सड़क की पटरियों को इंटरलॉकिंग करते हुए धूलमुक्त और वन विभाग के सहयोग से विभिन्न पार्कों में पौधारोपण अभियान को तेज किया जा रहा है.
अपर नगर आयुक्त ने बताया कि सबसे पहले यह मशीन शहर के शास्त्री चौक पर स्थापित की जाएगी. जिलाधिकारी कार्यालय, नगर निगम, जिला अस्पताल, कलेक्ट्रेट और दीवानी कचहरी समेत विभिन्न जगहों से होकर लोग गुजरते हैं. यहां की रिपोर्ट देखने के बाद परिणाम संतोषजनक मिलने पर कंपनी को शहर के दो क्षेत्र में मशीन को स्थापित करने की अनुमति प्रदान की जाएगी. वायु प्रदूषण की रोकथाम, प्रबंधन और नियंत्रण के लिए संचालित 'राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम' के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह दोनों यूनिट शुरू होगी.
वायु प्रदूषण के मामले में गोरखपुर शहर नॉन अटेनमेंट सिटी के श्रेणी में शामिल है. यही वजह है कि 19 विभाग मिलकर महानगर को प्रदूषित शहर के दायरे से बाहर निकालने के प्रयास में जुटे हैं. नगर निगम का प्रयास है कि दीपावली से पहले एयर प्यूरीफायर स्थापित कर दिया जाए, जिससे बढ़ते प्रदूषण के दबाव के बीच इसका परीक्षण हो सकेगा. सर्दियों की दस्तक के साथ ही हवा की गुणवत्ता भी खराब होने लगती है. साथ ही दीपावली में भी जो वायु प्रदूषण होता है, उसके भी स्तर का पता चल सकेगा.