गोरखपुर :पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुरआने वाले 3 वर्षों में नए स्वरूप में दिखाई देगा. आने वाले 50 साल की जरूरतों को देखते हुए रेलवे स्टेशन की नई बिल्डिंग बनाई जाएगी. यह जानकारी शुक्रवार को पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमण ने दी. उन्होंने बताया कि स्टेशन की नई बिल्डिंग में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ स्थानीय लोक संस्कृति की झलक भी दिखाई देगी. करीब 612 करोड़ रुपये की लागत से नए स्टेशन परिसर को तैयार किया जाएगा.
गोरखपुर रेलवे स्टेशन की ले-आउट प्लानिंग को मंजूरी मिल चुकी है. गोरखपुर में प्रस्तावित नए स्टेशन परिसर के बारे में महाप्रबंधक चंद्रवीर रमण ने बताया कि यहां आने वाले पैसेंजरों को एंट्री पॉइंट से लेकर प्रवेश द्वार बेहतर माहौल मिलेगा. स्टेशन परिसर में सिंगल प्रवेश द्वार से एंट्री मिलेगी. स्टेशन परिसर हाईटेक और मॉल जैसा दिखेगा. महाप्रबंधक ने बताया कि प्रोजेक्ट की संस्तुति मिल चुकी है, अगले 6 माह में इस पर काम शुरू हो जाएगा.
महाप्रबंधक चंद्रवीर रमण ने बताया कि गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास के लिए प्रस्तावित डिजाइन में स्थानीय संस्कृति की झलक मिलेगी. स्टेशन परिसर में 3500 एक साथ बैठ सकेंगे. इसके अलावा स्टेशन परिसर की पार्किंग कपैसिटी भी बढ़ाई जाएगी . गोरखपुर के नए स्टेशन परिसर में 44 लिफ्ट, 21 एस्केलेटर और तीन सौ वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियां होंगी. यह स्टेशन प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन और बस स्टेशन से स्काई वॉक के जरिये लिंक होगा. स्टेशन को विकसित करने और बाहरी हिस्सों में निर्माण की प्रक्रिया को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सहमति ली गई है.
3 साल बाद इस तरह दिखाई देगा गोरखपुर रेलवे स्टेशन गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्रस्तावित मॉडल में फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, एटीएम और किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया गया है. 6 मीटर चौड़े दो अतिरिक्त फुटओवर ब्रिज बनाए जाएंगे. इसके साथ होटल, वाणिज्य केंद्र और शॉपिंग माल भी बनाया जाएगा. मौजूदा समय में यह स्टेशन लगभग 45 लाख की आबादी सहित निकटवर्ती जिलों और नेपाल क्षेत्र के लोगों को अपनी सेवाएं दे रहा है. अनुमान है कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन लगभग 93 हजार यात्रियों अप-डाउन करते हैं. अगले 50 वर्षों में यहां से रोजाना एक लाख 68 हजार पैसेंजर आवागमन करेंगे. फिलहाल कुल 10 प्लेटफार्म से ट्रेनों को संचालित किया जाता है. स्टेशन की मौजूदा बिल्डिंग अंग्रेजों के जमाने में बनाई गई थी. जब नई बिल्डिंग पूरी तरह से सुविधा युक्त हो जाएगी तो इसे ध्वस्त किया जाएगा.
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