गोरखपुर: दिवाली से दो दिन पहले पड़ने वाले धनतेरस के पर्व पर भले ही लोग सोने-चांदी और बर्तनों की खरीदारी करते हैं. लेकिन इसका वास्तविक जुड़ाव भारतीय चिकित्सा पद्धति को पूरी दुनिया में स्थापित करने वाले भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन से है.
इस अवसर पर गोरखपुर में प्रतिवर्ष गोरखनाथ मंदिर की ओर से संचालित नर्सिंग कॉलेज में उनकी जयंती मनायी जाती है. पहली बार स्थापित हुए गुरु गोरखनाथ चिकित्सा विश्वविद्यालय में भी बड़े ही उत्साह से भगवान धन्वंतरि की जयंती मनायी गयी.
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश शासन के आयुर्वेद सेवाओं के निदेशक डॉ. एसएन सिंह बतौर मुख्यअतिथि के रूप में शामिल थे. इस मौके पर सिंह ने कहा कि मानव जीवन और स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद वरदान है. निरोगी काया के लिए योग एवं आयुर्वेद भारतीय ज्ञान परम्परा की दुनिया के लिए अद्वितीय है.
भारतीय ज्ञान-परम्परा में भगवान धन्वंतरि आरोग्य के देवता एवं अमृतमय औषधियों के जनक हैं. आज आवश्यकता है आयुर्वेद को युगानुकूल प्रस्तुत करने की. भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आधुनिकीकरण एवं अत्याधुनिकीकरण के अन्तर्गत आयुर्वेद के साथ-साथ भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का कायाकल्प किया जा रहा है. अलग से आयुष मन्त्रालय का गठन एवं नये-नये आयुष विश्वविद्यालयों की स्थापना इस दिशा में बढ़ाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं.
गुरु श्री गोरक्षनाथ काॅलेज ऑफ नर्सिंग के विशाल सभागार में आयोजित भगवान धन्वंतरि जयन्ती समारोह में संचालित महन्त दिग्विजयनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय एवं गुरु श्री गोरक्षनाथ इन्स्टिच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, एलोपैथिक चिकित्सालय एवं आयुर्वेद काॅलेज की ओर से धन्वंतरि जयन्ती समारोह आयोजित की गयी.