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बच्चों के वैक्सीनेशन में पिछड़ रहा गोरखपुर, सीएमओ ने जताई चिंता

गोरखुपर में लोगों में जागरुकता और सावधानी के अभाव में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. साथ ही जिले में अभी 12 से 14 वर्ष के बच्चों का अभी तक पूर्ण टीकाकरण नहीं हो पाया है. इस पर सीएमओ ने चिंता व्यक्त की.

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बच्चों के वैक्सीनेश

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Published : Jul 11, 2022, 4:41 PM IST

गोरखपुरः कोरोना अब भले ही जानलेवा न हो लेकिन उसके संक्रमण का सिलसिला अभी थमा नहीं है. इसी क्रम में गोरखुपर में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में लगातार वृद्धि हो रही है. इसकी चपेट में डॉक्टर और नर्स के साथ आम लोग भी आ रहे हैं. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि इन आंकड़ों के आने के पीछे निश्चित रूप से सजगता और जांच दोनों महत्वपूर्ण विषय हैं. क्योंकि सामाजिक सुरक्षा के लिए जो भी मरीज अस्पताल आ रहे हैं, उन मरीजों और परिजनों का टेस्ट कराया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन से आने वाले यात्री भी जांच के दायरे में हैं. यही नहीं ऑटो रिक्शा चालकों की भी जांच की जा रही है. जिससे कोरोना के आंकड़े सामने आ रहे हैं. लेकिन संतोष इसी बात का है कि लोग पॉजिटिव तो पाए जा रहे हैं. लेकिन न तो वह गंभीर रोग के शिकार हो रहे हैं और न ही कैजुअलिटी का कोई मामला आ रहा है. हालांकि उन्होंने कहा है कि गंभीर रोगों से पीड़ित लोग, छोटी उम्र के बच्चे, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क का प्रयोग जरूर करें.

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे

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सीएमओ ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि उनका जिला 12 से 14 वर्ष के बच्चों को अभी तक पूर्ण टीकाकरण नहीं कर पाया है. लक्ष्य का मात्र 76% ही टीकाकरण इन बच्चों का हो पाया है. हालांकि अब स्कूल खुल गए हैं. स्कूलों में बड़े कैंप लगाकर इन बच्चों को भी सुरक्षित घेरे में लाया जाएगा. जिससे वह कोरोना की चपेट में न आ सके. उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के डोज को लोग कंप्लीट करें. मन में कोई भ्रम न रखें. क्योंकि आज वैक्सीनेशन की ही देन है कि कोरोना की चपेट में लोग आ तो रहे हैं लेकिन यह जानलेवा नहीं होने पा रहा.

कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक का जिले में कुल 67,317 लोग संक्रमित हो चुके हैं. जिनमें से 66,298 लोगों ने कोरोना को मात दे दी है. साथ ही 866 लोगों को जान भी गंवाना पड़ा है. जिले में प्रतिदिन लगभग डेढ़ हजार लोग अभी भी कोरोना का टीका लगवा रहे हैं. लेकिन दूसरे ओर बूस्टर डोज में यह संख्या अभी पर्याप्त नहीं दिखाई दे रही.

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उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर सरकारी और निजी अस्पतालों में मिलाकर कुल 3 हजार बेड इसके लिए बनाए गए हैं. तीन सौ पचास वेंटिलेटर, चार सौ एचएफएनसी, पांच सौ वाई पैप मशीन हैं. साथ ही आवश्यक सभी दवाएं भी मौजूद हैं. सभी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. पैंतालीस सरकारी अस्पतालों पर कोविड टेस्ट हो रहा है और ग्यारह प्राईवेट अस्पताल भी इसमें सहयोग दे रहे हैं. लगातार मेडिकल एजुकेशन देने का कार्य किया जा रहा है और आशा कार्यकर्ता घर-घर की रिपोर्ट तैयार करती हैं. उन्हे जिस व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखते हैं, उन्हें जरूरी दवाएं भी उप्लब्ध कराती हैं.

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