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सूबे में बच्चा चोरों का खौफ, योगी के शहर में पसरा सन्नाटा

बच्चों की किडनैपिंग की अफवाह अब गंभीर रुख अख्तियार करती जा रही है. इन अफवाहों की वजह से अब लोगों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है. गोरखपुर के अधिकतर शहरी और ग्रामीण इलाकों के प्राथमिक स्कूलों में कक्षाएं खाली दिख रही हैं.

बच्चा चोरी की खबरों से स्कूलों में पसरा सन्नाटा.

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Published : Aug 30, 2019, 11:32 PM IST

Updated : Aug 30, 2019, 11:48 PM IST

गोरखपुरःजिले के अलहदादपुर में एक प्राथमिक विद्यालय है. यहां पर कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाओं में आमतौर पर बच्चों की संख्या 300 से ऊपर रहती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यहां पर बच्चों की तादाद घटकर 50 से 60 रह गई है. ऐसा नहीं है कि बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है, बल्कि यह सब कुछ उस अफवाह का बुरा असर है. जो इस समय हर तरफ फैली हुई है. बच्चों की चोरी और किडनैपिंग की अफवाहों के डर से लोगों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है. इन अफवाहों की वजह से स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी काफी चिंतित हैं. वह बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए लोगों को लाख समझा रहे हैं लेकिन लोग समझने को तैयार नहीं है.

बच्चा चोरी की खबरों से स्कूलों में पसरा सन्नाटा.
जिले के हर स्कूलों की है यही हालत

बच्चों की कमी सिर्फ इसी स्कूल में नहीं बल्कि शहर के सभी प्राथमिक स्कूलों में कुछ ऐसी ही स्थिति है. अफवाहों की वजह से लोगों ने अब या तो खुद अपने बच्चों को स्कूल ले जाना शुरू कर दिया है, या फिर उनको घर पर ही बैठाना बेहतर समझ रहे हैं. स्कूलों में भी अध्यापकों ने अब इस डर की वजह से मुख्य गेट पर ताला लगाना शुरू कर दिया है. साथ ही हर आने जाने वाले अजनबी को पूरी जांच के बाद ही विद्यालय में प्रवेश करने दिया जा रहा है.


पुलिस भी लोगों को कर रही जागरूक
ऐसा नहीं है कि पुलिस विभाग इन अफवाहों की वजह से परेशान न हो. शहरी और ग्रामीण इलाके के सभी थाने और चौकियों को इस समय पूरी तरह से मुस्तैद कराकर लोगों को समझाने का निर्देश दिया गया है. विभाग के अधिकारी लोगों से यह बार-बार अपील कर रहे हैं कि इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न देकर अपने रोजमर्रा के कामों को जारी रखें.

फिर भी बना है लोगों के मन में डर
पुलिस प्रशासन जागरूकता जगाने के लाख दावे करें, लेकिन लोगों के मन में जो डर बैठा हुआ है वह हटने का नाम नहीं ले रहा है. इसी डर की वजह से इस समय सरकारी और प्राइवेट सभी स्कूलों में बच्चों की संख्या काफी कम हो गई है और लोग अपने बच्चों को सुरक्षित करने के लिए उनको घर पर बैठाना ही उचित समझ रहे हैं.

Last Updated : Aug 30, 2019, 11:48 PM IST

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