गोरखपुरः वैश्विक महामारी के बीच लोगों ने जहां एक-दूसरे की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए. तो वहीं लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले अपराधियों ने भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. साइबर ठगी करने वाले गिरोह ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत ऋण देने के नाम पर भारत सरकार और वित्त मंत्रालय के लोगों का इस्तेमाल किया. इसका सहारा लेकर फर्जी वेबसाइट बनाकर अलग-अलग लोगों से 20 लाख रुपये की ठगी कर ली गई. पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस लाइन्स सभागार में एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि गोरखपुर के गोरखनाथ इलाके के जटेपुर दक्षिणी के रहने वाले विशेष सिंह ने साइबर थाने में 28 जुलाई को प्रार्थनापत्र दिया. उन्होंने बताया कि उन्हें ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया गया है. उनके शिकायती पत्र पर आईपीसी की धारा 406, 419, 420, 67, 68, 71 आईटी एक्ट के अंतर्गत एक मामला दर्ज हुआ. विशेष सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना की वेबसाइट के नाम पर उनके साथ 3 लाख 95 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई है.
एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि विशेष सिंह ने बताया कि उनके आईपीपीबी बैंक के खाते से 27 जुलाई को 3 लाख 95 हजार रुपये निकाल लिया गया है. इस मामले में 24 अगस्त को अभियोग पंजीकृत हुआ. विशेष सिंह ने बताया कि एक स्टार्टअप के लिए उन्हें 25 लाख रुपये की आवश्यकता रही है. आवेदक को कहीं से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (Prime Minister’s Employment Generation Programme) के बारे में पता चला, जिस पर आवेदक ने www.Indiafinanceloan.com पर 25 लाख रुपये लोन के लिए आवेदन किया.
आवेदक से एक मोबाइल नंबर 9454876639 से किसी दीपक श्रीवास्तव ने आरबीआई का अधिकारी बनकर बात की. उसने सारे कागजात वाट्सएप के माध्यम से मंगाकर इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) में खाता खुलवाया. उसके खाते में 25 लाख रुपये का 15 प्रतिशत मार्जिन मनी 24 घंटे रखने के लिए जमा करने को अनिवार्य बताया गया. आवेदक ने जैसे ही 3,75,000/- और 20,000/- (खाते में पहले से जमा था) रुपये जमा किया, तो आवेदक के खाते से 3,95,000/- रुपये निकाल लिया गया. इस मामले में तकनीकी रूप से जांच की गई.