गोण्डा:देवीपाटन मंडल का लाइफ लाइन माना जाने वाला बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांट को ग्रहण लग गया है. इस प्लांट को स्थापित करने के पीछे उद्देश्य था कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत न हो, लेकिन करीब डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी. पाइप लाइन के माध्यम से ऑपरेशन थिएटर से लेकर पीक्यू सहित सभी वार्डों में बेड-टू-बेड ऑक्सीजन सप्लाई की योजना बनाई गई थी. बता दें कि इस चिकित्सालय में मंडल के कोने कोने से गंभीर अवस्था में मरीज आते हैं.
साल भर बाद भी मरीजों को नहीं मिल रहा लाभ
अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज सीएनडीएस ने नया स्थान चिन्हित किया था. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी लखनऊ की आर क्यूब आर्टिक्स एंड एसोसिएट कंपनी को सौंपी गई थी. कंपनी ने प्लांट बैठाने के कमरों का निर्माण कराने के बाद बेड टू बेड पाइपलाइन भी बिछा दी है, लेकिन अभी तक कार्य न पूरा होने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
पुरानी बिल्डिंग में लग रहा ऑक्सीजन प्लांट
खास बात यह है कि ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में कराया जा रहा है, जबकि 100 बेड की अस्पताल की नई बहुमंजिला बिल्डिंग बनकर तैयार है. वहां ऑक्सीजन प्लांट की लाइन नहीं बिछाई गई है.