गोण्डाःकलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाए जा रहे कार्यक्रमों की समीक्षा की गई. बैठक में जिलाधिकारी डाॅक्टर उज्ज्वल कुमार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाए जा रहे योजनाओं की समीक्षा के साथ ही लापरवाह अधिकारियों पर नाराजगी जताई. इसके साथ ही चार सीएचएसी अधीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.
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बैठक में जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने सीएमएस जिला महिला अस्पताल को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि अस्पतालों में तैनात सभी डाक्टरों को यहां आने वाले मरीजों, पत्रकार बन्धुओं तथा अन्य व्यक्तियों से सामान्य तरीके से वार्ता करें अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जायेगी. डीएम ने कहा कि शासन की मंशानुसार जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए सभी सीएचसी अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही निवास करें. साथ ही संस्थागत प्रसव एवं विभिन्न प्रकार के टीकों को समय से लगवाना सुनिश्चित करें. बैठक में डीएम ने सीएचसी मनकापुर काजीदेवर, छपिया के सीएचसी अधीक्षक तथा परसपुर की खराब परफार्मेंस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इनके वेतन रोकने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वे एक सप्ताह में अपने संबंधित कार्यक्रमों में प्रगति लाएं, नहीं तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. डीएम ने इस दौरान अंधता निवारण कार्यक्रम की भी समीक्षा की और कहा कि आंखों की जांच कराने के लिए कैम्प आयोजित कराएं जाएं तथा जरूरतमंदों को निःशुल्क चश्मे का वितरण किया जाए.
बैठक में प्रस्तावित एजेंडा के आधार पर यू.पी.एच.एम.आई.एस. (Attar Pradesh Health Management Information System) हेल्थ डैशबोर्ड, मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, कम्युनिटी प्रोसेस, राष्ट्रीय कार्यक्रम नान कम्युनिकेबल डिजीज, एन.सी.डी. , एन.बी.सी.पी. (National Programme for Control of Blindness), आर.एन.टी.सी.पी. (Revised National TB Control Programme), पी.एम.एम.वी.वाई. (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana) नियमित टीकाकरण, कोविड वैक्सीनेशन, जननी सुरक्षा और मातृ वंदना योजना के तहत भुगतान की स्थिति, आशा इन्सेन्टिव, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी, ओपीडी और आईपीडी की स्थिति के साथ-साथ प्राथामिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा सीएचसी पर बेडों की ऑक्यूपेंसी की स्थिति और वित्तीय समीक्षा सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की.
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