गोण्डा: कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की यम द्वितीया को मनाया जाने वाला भैया दूज का पर्व हिन्दू धर्म में भाई-बहनों के आस्था का प्रतीक है. आज गोण्डा जिले में भाई दूज का पर्व धूम-धाम से संम्पन्न हुआ.
गोण्डा: जिले में हर्षोल्लास से मनाया गया भाई दूज का पर्व
भाई दूज के पर्व पर भाई-बहन का एक साथ यमुना में स्नान करना शुभ माना जाता है. इस पर्व में रक्षाबंधन की भांति बहन अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी पूजा करती हैं और भाई अपने बहन को उसके इच्छानुसार वचन देता है.
यमराज ने बहन को दिया वरदान
आगे चलकर यही अश्वनी कुमार देवताओं के वैद्य माने जाने लगे. ज्ञातत्व हो कि माता के इस आचरण को देख यमुना और यमराज भी रुष्ट हो गए. यमराज उन्हें छोड़कर जहां यमलोक बसाकर पापियों को दंड देने लगे. वहीं यमुना भी गोलोक चली गईं, जहां वह यमुना नदी के नाम से प्रचलित हुईं. कुछ दिनों के बाद जब यमराज को यमुना बहन की याद आई तो वह उनसे मिलने गोलोक पहुंचे. भाई को पाकर यमुना बहुत प्रसन्न हुईं. यमुना ने अपने भाई का खूब स्वागत सत्कार किया, जिससे खुश होकर यमराज ने बहन को वरदान मांगने को कहा. तब यमुना ने कहा कि भैया मुझे ऐसा वरदान दो कि मेरे जल में स्नान करने वाला कभी आपके यमलोक न जाए. यमुना ने ऐसा वर मांगा कि जिससे यमलोक का वजूद ही समाप्त हो जाता, इस पर यमराज चिंता में पड़ गए.
भैया दूज के नाम से प्रसिद्ध
भाई की ये दशा देख यमुना ने केवल एक दिन के लिए ही ऐसा वर मांगा कि आज के दिन यमुना में स्नान करने वाला व्यक्ति यमलोक को नहीं जाएगा. यमराज ने स्वीकार किया और ये दिन भैया दूज के नाम से प्रसिद्ध हुआ. जिसे हिन्दू धर्म के लोग आस्था पूर्वक मनाते हैं.