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Published : Dec 16, 2019, 11:06 PM IST

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नोएडा: जिला अस्पताल में शो पीस बनी हार्मोन टेस्टिंग मशीन, रखी है सील बंद

नोएडा के सेक्टर-30 के जिला अस्पताल में लाखों रुपये की जांच करने की हार्मोनल टेस्टिंग मशीन उसकी किट ना मिलने के चलते सील पैक रखी हुई. इस मशीन के माध्यम से 100 से अधिक रोगों की आसानी से जांच की जा सकती है.

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100 से ज्यादा बीमारियों के इलाज में सहायक है ये मशीन

नोएडा:सेक्टर-30 के जिला अस्पताल में लाखों रुपये की नई हार्मोन टेस्टिंग मशीन कई दिनों से सील बंद रखी हुई है. लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से किट ना उपलब्ध कराने के चलते मशीन चलाई नहीं जा रही है. जिससे मरीज टेस्ट की सुविधा से वंचित रह रहे हैं. मशीन को अगर अस्पताल की तरफ से किट नहीं दिया गया, तो वो मशीन प्रशासन के पास वापस चली जाएगी.

100 से ज्यादा बीमारियों के इलाज में सहायक है ये मशीन.

अस्पताल में सील बंद पड़ी है टेस्टिंग मशीन
नोएडा के सेक्टर-30 में बने 600 करोड़ की लागत से जिला अस्पताल में एक रुपये की पर्ची पर मरीजों को बेहतर से बेहतर सुविधा और इलाज देने का दावा किया जाता है. लेकिन वहीं अस्पताल में लाखों रुपये की जांच करने की हार्मोनल टेस्टिंग मशीन उसकी किट ना मिलने के चलते सील पैक रखी हुई. इस मशीन की क्षमता 100 से अधिक रोगों की जांच करने की है. लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से किट ना उपलब्ध कराने के चलते मशीन चलाई नहीं जा रही है.

हार्मोनल टेस्टिंग मशीन
ये हार्मोनल टेस्टिंग मशीन नोएडा के जिला अस्पताल को दी गई है. इस मशीन के माध्यम से 100 से अधिक रोगों की आसानी से जांच की जा सकती है. उदाहरण के तौर पर एचआईवी, एचसीबी, सीरम टोटल, सीरम इंसुलिन, सीरम पीएसए, सीरम एलएच, सीरम फेरिटिन, सीरम सीईए, थायराइड के साथ ही लीवर और कई प्रकार की अतिरिक्त ऐसी जांच हैं जो इस मशीन से की जा सकती है.

मशीन से मरीजों को मिल सकता है लाभ
अगर ये हार्मोनल टेस्टिंग मशीन चालू हो जाती है तो जिला अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों को काफी लाभ मिलेगा. मरीज एक रुपये की पर्ची पर बहुत सारी बीमारियों से जुड़ी जांच मुफ्त में करवा सकेंगे. हार्मोनल टेस्टिंग मशीन से वो जांचें संभव है, जिनकी कीमत बाजार में हजारों रुपये होती है. मरीजों को जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही उन्हें हायर सेंटर भी नहीं जाना पड़ेगा.

क्यों सील बंद पड़ी है मशीन
करीब 55 लाख रुपये की कीमत की हार्मोनल टेस्टिंग मशीन को अभी तक प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है. दरअसल जिला अस्पताल में चल रहे आपसी विवाद के चलते मशीन की चलाने वाली किट नहीं मुहैया करवाई जा रही है. जबकि किट की डिमांड पैथोलॉजी विभाग की ओर से अस्पताल के एसएमओ/भंडारण को भेजी जा चुकी है.

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वहीं सूत्रों की माने तो अस्पताल के एसएमओ की ओर से मशीन की किट दिए जाने से इनकार कर दिया गया है. जिसके चलते ये मशीन अस्पताल में एक शो पीस बनकर रह गई है.

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