फिरोजाबादःजिले की सीमा से होकर गुजरने वाली यमुना नदी को शहर के गंदे पानी से मार्च तक मुक्ति मिल जाएगी. यमुना के बीहड़ों में करीब 40 करोड़ की लागत से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो चुका है. इसमें पानी का शोधन भी शुरू हो गया है. 31 मार्च तक ये प्लांट अपनी पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर देगा. ट्रीटमेंट के जरिए सीवर के पानी को साफ किया जाएगा. इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा, जो यमुना पार अपनी खेती कर रहे हैं.
शहर को जलभराव से मिलेगी मुक्ति
फिरोजाबाद शहर के निचले इलाके में जलभराव का गंभीर संकट रहता है. हालांकि शहर में दो बड़े-बड़े नाले भी हैं, जिनमें शहर का पानी प्रभावित होकर यमुना में गिरता था. इससे यमुना भी दूषित हो रही थी. इसके अलावा फिरोजाबाद शहर में तमाम कारखाने भी हैं. जिनसे निकलने वाला केमिकल युक्त पानी यमुना के जल को जहरीला बना रहा था.
40 करोड़ की लागत से ट्रीटमेंट प्लांट तैयार
सरकार ने यमुना की सफाई के मद्देनजर फिरोजाबाद में साल 2016 में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया. करीब 40 करोड़ की लागत से ये ट्रीटमेंट प्लांट सोफीपुर गांव के पास यमुना नदी के निकट बनकर तैयार हो चुका है. जिसका काम 31 मार्च तक पूरा हो जाएगा.
67 MLD है प्लांट की क्षमता
इस प्लांट की क्षमता 67 एमएलडी पानी को प्रतिदिन शुद्ध करने की है. लेकिन वर्तमान में तीन से चार एमएलडी पानी ही इस प्लांट को मिल पा रहा है. जिसे ट्रीट करके साफ किया जाता है. शुद्ध किये जाने वाले पानी की क्षमता बढ़ाने के लिए शहर का एक और रहना नाला इस प्लांट से टैप किया जाएगा. इस तरह शहर के दोनों नाले इस प्लांट से टैप किए जाएंगे. जिससे साफ हुआ पानी यमुना में छोड़ने के साथ किसानों को सिंचाई के लिए भी दिया जाएगा. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि फिरोजाबाद का जो गंदा पानी है, उससे यमुना को 31 मार्च तक मुक्ति मिल जाएगी.