फिरोजाबाद: यूपी की जिन 7 सीटों पर विधानसभा का उपचुनाव हो रहा है, उसमें एक सीट फिरोजाबाद जनपद की टूण्डला भी है. इस सीट पर 3 नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को परिणाम की घोषणा हो जाएगी. आंकड़े गवाह हैं कि इस सीट पर कभी एक दल का प्रभुत्व नहीं रहा है. बीते दो दशक की बात करें तो इस सीट पर तीन अलग-अलग पार्टियों के 4 विधायक चुने जा चुके हैं. इस बार सभी राजनीतिक दल इस सीट को अपने-अपने खाते में शामिल करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. इस सीट पर विकास एक बार फिर बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है. इस सीट का समीकरण क्या है उस पर एक नजर...
फिरोजाबाद जिले की टूंडला विधानसभा सीट की सीमा आगरा और एटा जनपद से लगती है. यह सीट साल 1952 में अस्तित्व में आई थी. उल्फत सिंह चौहान यहां से पहले विधायक चुने गए. इस सीट पर कुल 3 लाख 64 हजार 444 वोटर हैं, जो प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. इससे पहले साल 2017 के चुनाव में 3 लाख 49 हजार 525 वोटर थे, जो इस बार बढ़ गए हैं. इस सीट पर बीते चार दशकों में जो विधायक जीते हैं उनका विवरण इस प्रकार है-
साल | विधायक | पार्टी |
1980 | गुलाब सेहरा | कांग्रेस |
1986 | अशोक सेहरा | कांग्रेस |
1989 | ओम प्रकाश दिवाकर | जनता दल |
1991 | ओम प्रकाश दिवाकर | जनता दल |
1993 | रमेश चंद्र चंचल | सपा |
1996 | शिव सिंह चक | बीजेपी |
2002 | मोहनदेव शंखबार | सपा |
2007 | राकेश बाबू | बसपा |
2012 | राकेश बाबू | बसपा |
2017 | एस पी बघेल | बीजेपी |
इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या 3 लाख 64 हजार है. राजनीतिक समीकरण की बात करें तो इस सीट पर किसी एक दल का कब्जा नहीं रहा. बीते दो दशक में इस सीट पर सपा, बसपा और बीजेपी का कब्जा रहा है. अब यह सीट फिर से राजनीति दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है. इस सीट के लिए सभी दलों ने प्रत्याशी घोषित कर दिए गए हैं. बीजेपी ने जहां प्रेम पाल धनकर को प्रत्याशी घोषित किया है, तो सपा ने महाराज सिंह धनगर और बीएसपी ने संजीव चक को प्रत्याशी घोषित किया है. कांग्रेस ने स्नेहलता बबली को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उनका पर्चा ही खारिज हो गया. वैसे तो इस सीट पर कुल 10 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है.