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टूंडला उपचुनाव 2020: जर्जर सड़क, खारा पानी,ज्यादातर गांवों की यही कहानी

यूपी के फिरोजाबाद जिले की टूंडला विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. सभी राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों ने अपना पूरा जोर झोंक दिया है. प्रत्याशी मतदाताओं से विकास करने का वादा कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने उपचुनाव के प्रत्याशियों से बात की. वहीं लोगों की समस्याएं भी सुनी.

टूंडला विधानसभा सीट पर उपचुनाव
टूंडला विधानसभा सीट पर उपचुनाव

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Published : Nov 1, 2020, 12:37 PM IST

फिरोजाबाद: जनपद की टूंडला विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में विकास एक बड़ा मुद्दा उभरकर सामने आया है. नेता यहां वोट मांगने आते हैं और लोगों को विकास का भरोसा दे रहे हैं. इस विधानसभा इलाके में ऐसे कई गांव हैं, जहां विकास शून्य है. इन गांवों के लोग नेताओं से पूछ रहे हैं कि आखिर उनके गांव में विकास का सूरज कब उदय होगा.

टूंडला विधानसभा सीट पर उपचुनाव
70 साल बाद भी विकास से अछूता गांव

आजादी के 70 साल बीत चुके हैं. यह सीट भी 1952 में वजूद में आई थी. साल 1980 से लेकर अब तक यहां के लोग 10 विधायक भी चुने जा चुके हैं. कुछ विधायक तो ऐसे रहे जिनकी प्रदेश में सरकार तक रही. एसपी सिंह बघेल तो यहां से जीतकर मंत्री तक बने, लेकिन यहां की समस्याएं जस की तस है.

इस सीट पर एक बार फिर उपचुनाव हो रहा है. इसके लिए तीन नबम्बर को वोटिंग होंगी. इस सीट के लिए सपा ने महाराज सिंह धनगर,बीजेपी ने प्रेम पाल धनगर और बसपा ने संजीव चक को उम्मीदवार बनाया है. नेता इन गांवों में भी जा रहे हैं, लेकिन वोटर उनसे यही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर इन गांवों की किस्मत कब जागेगी.

जर्जर हैं गांवों के सम्पर्क मार्ग

उपेक्षा और बदहाली का दंश झेलने वाले यहां कई गांव हैं. इन गांवों की हालत काफी खराब है. सड़कें इस कदर जर्जर हैं कि उनपर चलना भी खतरे से खाली नहीं है. कुछ गांवों के लिए संपर्क मार्ग तो हैं, लेकिन वह काफी जर्जर हैं. सड़क उखड़ गई है. ऐसे में इन सड़कों पर गहरे गहरे गड्ढे भी हो गए हैं. यहां के कुछ इलाकों में तो रास्ते कच्चे हैं, जिन पर धूल उड़ती देखी जा सकती है, जिनमें गिरने से आए दिन हादसे भी हो चुके हैं. खराब सड़कों की वजह से गांव नगला खार, भीकनपुर,आकलाबाद हसनपुर के ग्रामीण तो चुनाव बहिष्कार का ऐलान भी कर चुके हैं

40 से ज्यादा गांवों में है खारे पानी की समस्या

टूण्डला विधानसभा इलाके के ऐसे 40 गांव हैं, जहां खारे पानी की समस्या है. इनमें से ज्यादातर गांव नारखी इलाके में हैं. कुछ गांव बीहड़ी इलाके में हैं. तमाम सरकारें आईं और चलीं गईं, लेकिन इन गांवों के लिए शुद्ध पेयजल का कोई भी ठोस इंतज़ाम नहीं हुआ. इन गांवों के लोग कई कई किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाते हैं

क्या कहते हैं प्रत्याशी

इन गांवों में जो समस्याएं हैं, उनको लेकर हमने पार्टियों के प्रत्याशियों से भी बात की. बसपा प्रत्याशी संजीव चक का कहना है कि वह जहां-जहां जा रहे हैं, वहां की समस्याओं को वह सूचीबद्ध कर रहे हैं. चुनाव जीतने के बाद उन समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल कराएंगे. बीजेपी प्रत्याशी प्रेम पाल धनगर और सपा प्रत्याशी महाराज सिंह धनगर का कहना है कि इलाके में खारे पानी की समस्या है, उसका समाधान कराया जाएगा.

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