फतेहपुर: शिक्षकों की भारी कमी के चलते अधिकांश विद्यालय एकल टीचर से संचालित हो रहें हैं. ऐसे में एक शिक्षक अलग अलग कक्षा पाठ्यक्रम को कैसे एक साथ पढ़ा रहें हैं, यह अत्यंत ही गम्भीर विषय है.
फतेहपुर: गरीब मासूमों के भविष्य से खेल रही सरकार, 250 छात्र एक टीचर
उत्तर प्रदेश में गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है. मुफ्त में खाना, किताब से लेकर ड्रेस तक दे रही है. इन सबके आकर्षक से बच्चे स्कूल तो आ रहें हैं, लेकिन जब स्कूल में टीचर ही नहीं रहेंगे तो पढ़ाई कैसे होगी.
सरकारी स्कूलों में टीचर ही नहीं है.
सरकारीस्कूलों में टीचर ही नहीं-
- फतेहपुर जिले के नगर क्षेत्र में 65 परिषदीय विद्यालय हैं.
- इनमें से 26 एकल टीचर से संचालित हो रहें हैं.
- इनमें से अधिकांश विद्यालय ऐसे हैं, जहां बच्चों का नामांकन 200 के करीब है.
- नगर के प्राथमिक विद्यालय आबूनगर में छात्रों का नामांकन 172 है.
- वहीं नगर के अस्ती प्राथमिक विद्यालय में 250 छात्रों का नामांकन है.
- शिक्षकों की भारी कमी से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है.
- जिस विद्यालय में कम से कम 5 शिक्षक होने चाहिए.
- विद्यालय में पढ़ाई के साथ साथ एमडीएम से लेकर कई अन्य कार्य करने होते हैं.
- ऐसे में एक शिक्षक को पढ़ाने का समय कैसे मिल पायेगा.
मैं ही प्रधानाध्यापक, मैं सहायक अध्यापक शिक्षा मित्र जो कुछ हूं मैं ही हूं. बच्चों को पढ़ाने के साथ मिड-डे-मील मिल बनाने से लेकर कई सारे ऑफिसियल कार्य करने होते हैं. बहुत परेशानी होती है. कभी इस क्लास में तो कभी इस क्लास में. इसके बावजूद अच्छी शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं.
-मोनिका मिश्रा, प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय ,आबूनगर