फतेहपुर: जनपद में 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक फाइलेरिया उन्नमूलन के लिए घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम दवाई खिलाएगी. फतेहपुर जिला देश के सर्वाधिक फाइलेरिया रोगों में से एक है. यहां ऐसे पांच हजार रोगी हैं, जो फाइलेरिया रोग से ग्रस्त हैं. ऐसे में यहां पर कार्यक्रम विशेष सक्रियता से चलाया जाएगा, जिससे फाइलेरिया से उन्नमूलन हो सके. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जिले के सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर सामूहिक स्तर पर कार्यक्रम चलाएगी.
घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी आशा बहुएं. - उत्तर प्रदेश के 11 जनपदों में फाइलेरिया उन्नमूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
- स्वास्थ्य विभाग की आशा बहुओं की टीम घर-घर जाकर एल्बेंडाजोल, डीईसी और आईवेमीटासिन के तीन टैबलेट्स खिलाएंगी.
- दो वर्ष इन टैबलेट्स को खाने से मानव शरीर में उपस्थित फाइलेरिया का जीवाणु निष्क्रिय हो जाएगा.
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य रहेगा कि कोई भी व्यक्ति बगैर दवा खाए न बचे.
कैसे होता है यह रोग
- फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स क्युरेकिफेसिटस नामक मच्छर के काटने से सक्रिय हो जाता है.
- फाइलेरिया रोग का कोई इलाज भी नहीं होता, इससे केवल बचाव किया जा सकता है.
जनपद में हैं 5 हजार फाइलेरिया के मरीज
- जनपद के 30 लाख जनसंख्या में पांच हजार फाइलेरिया के रोगी हैं.
- जिसमें 1,100 हाइड्रोसील और तीन हजार के करीब हाथी-पांव और महिलाओं के स्तन से जुड़े हुए रोग हैं.
- जनपद में इस रोग की संख्या बड़े स्तर पर होने से इसे संज्ञान में लिया गया है.
- फाइलेरिया उन्नमूलन कार्यक्रम के तरह 27 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएगी.
- इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 2,100 आशा बहुओं की टीम तैयार की है.
- आशा बहुएं एक दिन में 25 घरों में जाकर स्वयं दवा खिलाएंगी.
- इस तरह 10 दिन में एक टीम 250 घर जाएंगी.
- यह दवा 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिला और किसी अन्य रोग की दवा खाने वाले को नहीं खिलाई जाएगी.