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एक करोड़ सैलरी ठगने वाली शिक्षिका अनामिका ने डाॅक्यूमेंट में दिया गलत पता - teacher anamika-shukla arrest

उत्तर प्रदेश के 25 स्कूलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली शिक्षिका अनामिका शुक्ला को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. जानकारी में पता चला है कि उसने अभिलेखों में अपना पता फर्रुखाबाद दिया है जो कि गलत है.

शिक्षिका अनामिका शुक्ला
शिक्षिका अनामिका शुक्ला

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Published : Jun 7, 2020, 8:52 AM IST

फर्रुखाबादः उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में जालसाजी करने वाली शिक्षिका अनामिका शुक्ला को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. कासगंज में काम करने वाली अनामिका शुक्ला ने अभिलेखों में अपना पता फर्रुखाबाद के लखनपुर का दिखाया है, जो कि फर्जी पाया गया है. इसकी पुष्टि सीडीओ डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने की है.

शिक्षिका अनामिका शुक्ला को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया

कासगंज में कर रही थी नौकरी

जानकारी के अनुसार, कासगंज के कस्तूरबा विद्यालय फरीदपुर में अनामिका विज्ञान की शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही थी. अलग-अलग 25 जिलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने की आरोपी शिक्षिका अनामिका शनिवार को अपना इस्तीफा देने बीएसए दफ्तर के बाहर पहुंची. लेकिन सूचना मिलते ही कासगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी शिक्षिका ने दस्तावेजों में अपना पता फर्रुखाबाद के लखनपुर का दिखाया है. वहीं विभाग की जांच में फर्रुखाबाद के घर का पता फर्जी मिला है. सीडीओ डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने भी फोन पर फर्जी पते की पुष्टि की है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अनामिका शुक्ला नाम की कोई लड़की गांव में नहीं रहती है.

25 जिलों में नौकरी करने से आई सुर्खियों में

अनामिका शुक्ला के नाम पर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा कर बागपत, आंबेडकर नगर, सहारनपुर, अलीगढ़, प्रयागराज समेत 25 जिलों में एक साथ काम किया. शुक्रवार को बीएसए ने शिक्षिका के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया था. आरोपी शिक्षिका को 13 महीने में एक करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान हुआ. फिलहाल मंडल स्तर पर इस मामले की जांच एडी बेसिक अलीगढ़ कर रहे हैं.

आखिर कौन है असली अनामिका

अनामिका शुक्ला का मामला पकड़ में आने के बाद अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं. बीएसए ऑफिस से जुड़े एक कर्मचारी का कहना है कि अनामिका शुक्ला 25 जगह नौकरी नहीं कर रही थी, बल्कि उस नाम की मार्कशीट के आधार पर 25 जगह नौकरी चल रही थी. दरअसल यह किसी बड़े गैंग का काम है, जो फर्जी मार्कशीट के जरिए लोगों को नौकरी दिलवाता है. अब पूरा मामला आरोपी शिक्षिका से पूछताछ के बाद ही खुलेगा.

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