फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में ठंड लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में निराश्रितों के लिए अलाव सर्दी में राहत का सबसे बड़ा साधन होता है. लेकिन अगर बात करें जिले के प्रशासन की तो जिला प्रशासन एक बार फिर सवालों के घेरे में है. जिले में निराश्रित जगह-जगह कूड़ा एकत्र कर जला कर राहत पाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. कुछ जगहों पर अलाव मात्र औपचारिकता को पूरा करने के लिए जलाए गये हैं. वहीं लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. उन्होंने प्रशासन और नगर पालिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की ओर गंभीर कदम नहीं उठाये गए हैं.
सर्दियां शुरू होते ही सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलाव जलाने से लेकर कंबल वितरण किए जाने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद जिले के जिम्मेदारों ने सरकारी निर्देशों के अनुपालन के साथ ही अलाव जलाने की रिपोर्ट भेजी जाने लगी हैं ताकि पूछताछ की नौबत न आए. वास्तव में रोजी रोटी की जुगाड़ के लिए शहर का रुख करने वाले मजदूर और रिक्शा चालकों को रात में अलाव की सख्त जरूरत रहती है. फिरभी अलाव जलते कहीं नजर नहीं आते. जबकि नियम है कि रेलवे स्टेशन के बाहर, बस अड्डे के बाहर, अस्पताल परिसर के बाहर और प्रमुख चौराहों पर अलाव शाम से ही जलने चाहिए.