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फर्रुखाबाद में 2 साल बाद खुला वन स्टॉप सेंटर, वह भी स्थाई नहीं

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में सरकार के अनदेखेपन से वन स्टॉप सेंटर जिले में नहीं खुल पाया था. सोमवार को वन स्टॉप सेंटर लोहिया अस्पताल के रैन बसेरा में शुरू कर दिया गया है.

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वन स्टॉप सेंटर का उद्घाटन

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Published : Mar 3, 2020, 9:47 AM IST

फर्रुखाबाद: हिंसा पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं की मदद के लिए सोमवार को वन स्टॉप सेंटर लोहिया अस्पताल के रैन बसेरे में शुरू किया गया. सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने फीता काटकर वन स्टॉप सेंटर का शुभारंभ किया. अब जिले में सेंटर के माध्यम से महिलाओं को एक ही छत के नीचे तत्काल सेहत और कानूनी सुविधा की सहूलियत मिल सकेगी. वहीं डीएम ने जिले में देरी से सेंटर खोलने की बात पर कहा कि यहां पर थोड़ा विलंब जरूर हुआ है, लेकिन काम शुरू हो गया है.

वन स्टॉप सेंटर का उद्घाटन

निर्भया फंड के तहत केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत फर्रुखाबाद में वन स्टॉप सेंटर का शुभारंभ कर दिया गया है. हालांकि महिला बाल विकास विभाग की ओर से अभी इसे अस्थाई तौर पर जिला अस्पताल की इमारत में शुरू किया गया. जल्द ही नई इमारत बनने के बाद इसे शिफ्ट कर दिया जाएगा. सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने रैन बसेरा में वन स्टॉप सेंटर का उद्घाटन करते हुए कहा कि अब जनपद में वन स्टॉप सेंटर शुरू हो गया है. महिलाएं स्वयं को बिल्कुल भी असुरक्षित न समझें. यहां हिंसा से पीड़ित महिलाओं को हर तरह की मदद प्रदान की जाएगी.

मिलेंगी यह सुविधाएं

वन स्टॉप सेंटर पर हिंसा की शिकार बालिकाओं और महिलाओं को 24 घंटे में मदद मिलेगी. इतना ही नहीं यदि कोई पीड़ित महिला उत्पीड़ित है तो वह 5 दिन तक यहां रुक भी सकती है. इन सेंटरों पर सिर्फ महिला स्टाफ होंगी, जिनकी जिम्मेदारी होगी कि वह पीड़ित महिला को तत्काल इमरजेंसी डॉक्टरी सुविधा और कानूनी मदद उपलब्ध करवाएं और पीड़ित महिला के साथ अगर कोई गंभीर अपराध हुआ है तो उसकी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज करने की सुविधा भी इन सेंटरों के पास होगी. यहां हर समय एक महिला कॉन्स्टेबल तैनात रहेगी.

अधिकारियों की लापरवाही के कारण नहीं बन सका था सेंटर

फतेहगढ़ के सीएमओ कार्यालय परिसर में वन स्टॉप सेंटर की बिल्डिंग बनाने का काम शुरू हो गया है. इसका शिलान्यास 22 फरवरी को जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह और मुख्य विकास अधिकारी डॉ.राजेंद्र पेंसिया ने किया था. वहीं साल 2018 में जनपद फर्रुखाबाद सहित 52 जिलों में वन स्टॉप सेंटर खोले जाने की स्वीकृति मिली थी, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के कारण अब तक सेंटर नहीं खोला जा सका था. वहीं शासन का जोर है कि जब तक भवन तैयार न हो उससे पहले ही वन स्टॉप सेंटर को क्रियाशील कर दिया जाए.

उत्पीड़न की शिकार महिलाओं, बच्चों की मदद और काउंसलिंग के लिए यह सेंटर बनाया गया है. सेंटर के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सा के साथ-साथ कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी. आंगनबाड़ी, आशा वर्कर और एएनएम के माध्यम से महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर के बारे में अवगत कराया जाए ताकि किसी भी तरह का उत्पीड़न होने पर वह सेंटर की मदद ले सकें.
मानवेंद्र सिंह, जिलाधिकारी, फर्रूखाबाद

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