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चेतावनी बिंदु के पार गंगा, किसानों के हजारों बीघा फसल बर्बाद

फर्रुखाबाद (farrukhabad) में गंगा का जलस्तर (Water Level of Ganga) तेजी बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. खेतों और घरों में बाढ़ का पानी घुसने के कारण किसान अपनी फसलों को बचाने में जुटे हैं, वहीं ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.

हजारों बीघा फसल बर्बाद
हजारों बीघा फसल बर्बाद

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Published : Jun 25, 2021, 1:47 PM IST

फर्रुखाबाद :जिले में गंगा का जलस्तर (Water Level of Ganga) तेजी से बढ़ा है, जिसके कारण कारण तटवर्ती क्षेत्रों में लोग चिंतित हैं. जनपदफर्रुखाबाद के कई गांवों में किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई हैं. फिर भी किसान डूबी फसल को बचाने में जुटे हैं. केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के कंट्रोल रूम के मुताबिक, बीते दिनों नरौरा बांध (Narora Dam) से गंगा में छोड़े गए 2,14,807 क्यूसेक पानी की वजह से गुरुवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 136.75 मीटर पहुंच गया है. इससे जनपद के गंगा किनारे बसे कई गांवों तक पानी पहुंच गया है. खेतों में बाढ़ का पानी घुसने से किसान परेशान हैं.

फर्रुखाबाद स्थित राजेपुर ब्लॉक के कुछ क्षेत्रों में गंगा की धारा बढ़कर गांव के निकट आने लगी है. बाढ़ का पानी खेतों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. जिससे फसलें डूबने की कगार पर पहुंच गई हैं. ऐसे में किसान जल्द से जल्द फसल काटने में जुटे हुए हैं. जिले में बाढ़ की स्थिति देख तटवर्ती गांव हरसिंहपुर कायस्थ, उगरपुर, कछुआ, गाढ़ा, सुंदरपुर, नगला दुर्ग, उदयपुर, जोगराजपुर, तीसराम की मड़ैया, बंगला, सारंगपुर, करनपुर घाट वासियों की धड़कनें बढ़ गई हैं.

गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के पार
गंगा की तेज धार से हरसिंहपुर, कायस्थ और तीसराम की मढ़िया गांव में अभी से ही कटान हो रहा है. हरसिंहपुर कायस्थ के किसान ने बताया कि कई लोग अपने पक्के मकान तोड़ रहे हैं. बाढ़ का पानी गांव में भरने लगा है. वहीं तीसराम की मडिया निवासी मुकुट ने बताया कि कुछ लोगों ने झोपड़ियों से सामान समेटने शुरू कर दिए हैं. बाढ़ का पानी उनके खेतों में बढ़ने लगा है.
गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पर पहुंचा

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एक और किसान ने बताया कि बाढ़ का पानी खेतों में पहुंच गया है और हजारों बीघा फसल बाढ़ के पानी से जलमग्न हो चुकी है. फसल के दाने अभी पक्के नहीं हैं, इसलिए उन्हें बचाया नहीं जा सकता. मक्का, मूंगफली, गन्ना, मेंथा आदि फसलें जलमग्न होकर बर्बादी की कगार पर हैं, जिससे किसान चिंतित है. कोई अधिकारी या कर्मचारी अभी तक ग्रामीणों की सुध लेने नहीं आया है.

खेतों में घुसा बाढ़ का पानी

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